तेहरान। ईरान के रेवोलुशनरी गार्ड के जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या से इराक सहित पूरे मध्य-पूर्व में गुस्सा फैल गया है, जहां अमेरिकी हमले के 17 साल बाद भी 5,000 से अधिक अमेरिकी सैनिक मौजूद हैं। इराक की संसद ने रविवार को अमेरिकी बलों के निष्कासन के लिए गैर-बाध्यकारी संकल्प के पक्ष में मतदान किया। उधर, कासिम सुलेमानी की हत्या का बदला लेने की घोषणा की है।

जनरल कासिम सुलेमानी के अंतिम संस्कार के एक आयोजक ने ईरान के हर नागरिक से कहा है कि वह एक डॉलर दान दे। इससे मिलने वाली रकम का इस्तेमाल उस शख्स को इनाम देने के लिए किया जाएगा, जो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हत्या करेगा। बताया जा रहा है कि ट्रंप की हत्या के लिए आठ करोड़ डॉलर का इनाम रखा गया है।

ईरान के सरकारी टीवी के अनुसार, कासिम की हत्या के जवाब में व्हाइट हाउस पर हमला करने की धमकी भी दी गई है। कासिम की हत्या के लिए ड्रोन हमला करने का आदेश खुद राष्ट्रपति ट्रंप ने दिया था और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी निंदा भी हुई है। सप्ताहांत में अन्य बयानबाजी के साथ ही ट्रंप ने यह धमकी भी दी थी कि यदि अमेरिकी संपत्ति या अमेरिकी नागरिक पर हमला किया गया, तो इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि ईरानी सांस्कृतिक स्थल सहित 52 जगहों को अमेरिकी सेना ने निशाने पर ले रखा है, जहां बहुत तेजी से और बहुत जोरदार तरीके से हमला किया जाएगा।

उन्होंने प्रशासन की उन चिंताओं को भी खारिज कर दिया कि किसी भी देश के सांस्कृतिक स्थानों को निशाना बनाना अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत युद्ध अपराध है। इतना ही नहीं ट्रंप ने इराक को भी चेतावनी दी कि अगर वह बगदाद में अमेरिकी हवाई हमले के जबाव में अमेरिकी सैनिकों को निष्कासित करता है, तो उस पर सख्त आर्थिक प्रतिबंध लगाए जाएंगे।

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