बड़वानी / हर किसी की तमन्ना होती है कि जहां हमारा आशियाना हो वही एक गार्डन हो। जहां हम किचन गार्डन तैयार कर सब्जियां, फूल, फल इत्यादि लगा सके। ऐसा परिवेश दिन प्रतिदिन बढ़ती आबादी के चलते सिकुड़ता जा रहा है। घर अब फ्लैट व मल्टी का स्वरूप लेते जा रहे हैं। जहां जमीन तो दूर घर की छत भी अपनी नहीं बची है। ऐसे में सामाजिक न्याय विभाग द्वारा आशाग्राम ट्रस्ट बड़वानी में संचालित  ‘‘ अपना घर ‘‘ वृद्धाआश्रम के वरिष्ठ जन, अपने घर के परिवेश को न केवल फूलों से महका रहे हैं बल्कि किचन गार्डन में जैविक सब्जियां भी उगा, अपने जीवन में उमंग भरने के साथ-साथ दूसरों को भी प्रेरणा प्रदान कर रहे हैं।

                अपना घर वासी श्रीमती साहदी बाई बताती हैं कि सब्जियाॅ तो बाजार से भी आती हैं। लेकिन अपनी लगाई हुई सब्जियां और उनका स्वाद बहुत भिन्न होता है और यह कार्य हमें हमारी पुरानी जीवनशैली, स्मृति से भी जोड़े रखकर क्रियाशील बनाएं रखता है। जब हम अपने परिजनों के साथ अपने खेतो में फसल उगाने, उनकी देखभाल करने का कार्य कर गौरवान्वित महसूस करते थे।

                आशा ग्राम के अपना घर की हंसमुख वृद्धा साहदी बाई जब अपने लगाए हुए पौधे से तोड़ी गई सब्जी हाथ में लेकर दूसरों को दिखाती है तब उनके चेहरे पर छाई खुशी ही इस बात की गवाह है कि साहदी बाई भी अब वृद्ध आश्रम को ही अपना घर मानने लगी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *