इंदौर। Action on Mafia नगर निगम, जिला प्रशासन और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में गैंगस्टर युवराज काशिद के जिस आलीशान मकान को रविवार को ध्वस्त किया गया, उसके इंटीरियर पर ही तीन करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए गए थे। रहवासियों के अनुसार चार हजार वर्गफीट के दो मंजिला मकान में विदेशी मारबल लगा था। रहवासियों के मुताबिक लकड़ी की नक्काशीदार सीढ़ियों के अलावा विलासिता का हर सामान मकान में था। गार्डन पर भी काफी खर्च किया गया था। महंगे विदेशी पौधे भी काफी संख्या में लगाए गए थे। युवराज ने दो मर्तबा मकान में रिनोवेशन भी करवाया था। वास्तु के मुताबिक घर के अंदर निर्माण किया गया। कार्रवाई की भनक युवराज को पहले ही लग गई थी, इसलिए महंगी वस्तुएं वहां से हटाने का काम कुछ दिनों से चल रहा था।
जाने से पहले होती थी तलाशी
युवराज के मकान में जाना आसान नहीं था। गली में प्रवेश करते ही उसके यहां काम करने वाले लोग सुरक्षा की दृष्टि से व्यक्ति की तलाशी लेते थे। 50 फीट के क्षेत्र में दो बार तलाशी ली जाती थी। प्रवेश करने वाले का नाम रजिस्टर में दर्ज होता था। उसके बाद ही मकान के अंदर जाने दिया जाता था। मकान के आसपास सशस्त्र समर्थकों का पहरा होता था।
खुद की ‘जेड प्लस सिक्युरिटी’
अपने पिता विष्णु उस्ताद की हत्या के आरोपियों को ठिकाने लगाने के आरोपों के बाद सुर्खियों में आए युवराज का अपना खुद का मजबूत सुरक्षा घेरा होता है। घर के आसपास तो समर्थक 24 घंटे सुरक्षा में तैनात रहते थे, घर से बाहर जाने के दौरान भी उसके वाहन के आसपास सशस्त्र समर्थकों का मजबूत घेरा हमेशा साथ चलता है।
बस्ती वालों ने की बहस
युवराज के मकान की दूसरी मंजिल पर टीन का शेड बना था, जिसे तोड़ते समय वह पीछे वाली गली में गिर पड़ा। इसके चलते वहां का रास्ता बंद हो गया। बाद में निगम अमले ने टीन शेड को काटकर अलग किया, जिसमें काफी समय बर्बाद हो गया। फिर रिमूवल अमले ने ऑफिस को तोड़ना शुरू किया। पोकेलन के वार से पास के कुछ मकानों की दीवार हिलने लगी। जिसे देख बस्ती वाले कार्रवाई का विरोध करने पहुंचे। निगम अधिकारियों और रहवासियों के बीच काफी देर बहस चलती रही। उनके विरोध के बाद निगम ने ऑफिस तोड़ने की रणनीति बदली।
