बड़वानी / बडवानी निवासी इरफ़ान ने आवेदन देकर बताया हमारी शादी 2009 मे मुस्लिम रीति रिवाज से हुई थी। हमारी दो संतान है। दो वर्ष से हमारा आपसी विवाद चल रहा है। दोनो को समझाईश देकर घर बसाया जाए । दोनो पक्षो की काउंसलिंग की गई, समझाईश दी गई ।छोटी छोटी बातो से परिवार मे विवाद न करे। दोनो बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान देवे।दोनो ने समझाईश के बाद स्वेच्छा से साथ रहने का प्रण लिया।आपसी समझौता हुआ।
एक अन्य आवेदिका किरण ने बताया की मेरे पति द्वारा शराब पीकर मारपीट की जाती है ।कामकाज नही करते।इस पर परामर्श केंद्र की टीम ने दोनो पक्षो को बुलाकर काउंसलिंग की गई। समझाईश के बाद दोनो साथ मे रहने को राजी हुए। दोनो पक्षो की काउंसलिंग कर समझाईश दी गई कि पति और पत्नी दोनों को एक दूसरे की बात मानने की समझाईश देकर मनमुटाव दुर करना चाहिए। पति पत्नि विवाद होते है। दोनो पक्षो को समझाया की घरेलू विवाद की जड़ पति का शराब पीना, मारपीट करना ,नौकरी न करना है।

परिवार परामर्श केंद्र में ज्यादातर मामले घरेलू विवाद,शराब पीकर मारपीट करने के ही आते है। दोनों पक्षों को समझाया गया पत्नि ने स्वीकार किया कि वह पति के साथ जाएगी अच्छे से दोनों पति-पत्नी रहेंगे ।पति ने भी कहा की पत्नी की हर बात मानेगा । खुशी-खुशी साथ में गये ।इस अवसर पर कोतवाली थाना प्रभारी श्री कुशवाह, ऊर्जा महिला हेल्पडेस्क प्रभारी ललीता चौहान, काउंसलर श्रीमती अनीता चोयल, प्रधान आरक्षक आशा डुडवे,आरक्षक गीता कनेश का सराहनीय योगदान रहा हैl

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