बड़वानी / ‘जनसंख्या समाधान फाउन्डेशन’ के कार्यकर्ताओं नेJSF जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में जिला मुख्यालय पर धरना दिया तथा जनसंख्या विस्फोट एवं जन सांख्यिकीय असंतुलन जैसी भीषण समस्या से उत्पन्न हो रहे संभावित गृहयुद्ध के खतरे को रोकने के लिए जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री, भारत सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा ।
धरने में उपस्थित कार्यकर्ताओं ने बताया कि अंधाधुंध संतानोत्पत्ति करने की प्रवृत्ति पर”जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाकर अंकुश लगाने में एक-एक पल की देरी भारत और भारतीय संस्कृति के लिए पूर्व की भांति ही विघटनकारी साबित हो सकती है। एक वर्ग विशेषद्वारा रणनीति के तहत जानबूझकर बढ़ाई जा रही जनसंख्या और सनातन समाज की युवापीढ़ी में एक बच्चे तक सीमित रहने की बढ़ती प्रवृत्ति के कारण देश के अनेक भागों में 6 वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों में जनसंख्या का संतुलन उस वर्ग विशेष के पक्ष में झुकता दिखने लगा है। भारत जनसंख्या में धार्मिक असंतुलन के कारण हुए विघटन के दंश का प्रत्यक्ष भुक्तभोगी है, परन्तु पूर्व की सरकारों की विभाजन के तुरन्त बाद से जारी तुष्टिकरण की नीति के चलते अब फिर से वैसी ही परिस्थितियां निर्मित होती दिखाई दे रही हैं।
कार्यकर्ताओं ने आगे बताया कि विभिन्न सामाजिक वर्गों के बीच जनसंख्या का अनुपात वर्तमान अनुपात के अनुसार बनाए रखने के उद्देश्य से “जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की मॉग को लेकर “जनसंख्या समाधान फाउन्डेशन” द्वारा विगत लगभग 11 वषों से हजारों छोटी-बड़ी सभाएं, धरना-प्रदर्शन, सांसद-संवाद कार्यक्रम, राष्ट्रपति जी सहित महत्वपूर्ण लोगों से भेंट आदि के रूप में राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य एवं संगठन के मुख्य संरक्षक डा. इन्द्रेश कुमार एवं केन्द्रीय मंत्री श्री गिरिराज सिंह सहित 125 सांसदों का समर्थन प्रप्त है। संगठन के जिलाध्यक्ष ने बताया कि ‘जनसंख्या नियंत्रण कानून’ बनाने हेतु समय रहतेआवश्यक कदम ना उठाए जाने की स्थिति में निकट भविष्य में विधायक एवं सांसदों सहित महत्वपूर्ण जनप्रतिनिधियों के घेराव की योजना पर भी संगठन में विचार चल रहा है।
जिला मुख्यालय पर आयोजित कार्यक्रम मेंज्ञापन देते वक्त जनसंख्या समाधान फाऊंडेशनकी जिला अध्यक्ष शैलजा पारगिर, सहयोजक महला बाई जमरे, जनपद उपाध्यक्ष ज्योति गोयल आदि सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
