बड़वानी /  जिले के समीपस्थ ग्राम बालकुआं में स्व. ममता बाई परमार की स्मृति में परमार परिवार द्वारा एक स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में 65 यूनिट रक्तदान किया गया, जिससे जिले में रक्त की आवश्यकता को पूरा करने में मदद मिलेगी। रक्तदान शिविर का आयोजन परिवार की मातृश्री की पगड़ी रस्म कार्यक्रम के अवसर पर मां आईजी मांगलिक भवन में किया गया।  मरणोपरांत परिवार ने नेत्रदान कर एक और सराहनीय कार्य को अंजाम दिया था। परिवार के सदस्य योगेश परमार ने बताया कि यह पहल समाज में सेवा और सहयोग की भावना को प्रोत्साहित करने के लिए की गई है। उन्होंने कहा कि रक्तदान के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है, क्योंकि खून की कमी के कारण हर वर्ष सैकड़ों लोगों की जान जोखिम में पड़ जाती है। स्वैच्छिक रक्तदान से न केवल जरूरतमंदों की मदद की जा सकती है, बल्कि समाज में सहयोग की भावना को भी बल मिलता है। उन्होंने विशेष रूप से युवाओं से इस नेक कार्य में आगे आने का आह्वान किया।

इस अवसर पर जिला अस्पताल की ब्लड टीम ने भी लोगों को रक्तदान और नेत्रदान से जुड़ी भ्रांतियों को दूर किया। शिविर में बड़ी संख्या में परमार समाज के सदस्य, स्थानीय लोग और युवा उपस्थित थे, जिन्होंने स्वैच्छिक रूप से रक्तदान किया। रक्तदान शिविर के अलावा, परमार परिवार ने समाज सेवा के अन्य कार्यों में भी सहयोग दिया। परिवार ने परमार समाज के प्रांतीय कोष, श्रीराम मुक्तिधाम तलवाड़ा बुजुर्ग, और मां गायत्री गौशाला मोयदा (राजपुर) के लिए आर्थिक सहयोग राशि प्रदान की। इस नेक कार्य की स्थानीय समाजजनों ने सराहना की और इसे समाजसेवा की मिसाल बताया।

परमार परिवार की इस पहल ने यह साबित कर दिया कि सेवा और सहयोग की भावना से किए गए कार्य न केवल व्यक्ति विशेष की स्मृति को अमर बनाते हैं, बल्कि समाज के हर वर्ग को प्रेरित करने का कार्य भी करते हैं। ऐसे प्रयास समाज में एकजुटता, सहयोग और सेवा की भावना को प्रोत्साहित करते हैं, जो कि आज के समय में अत्यंत आवश्यक है।

 

 

 

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