बड़वानी / कल हुई प्रदेश सरकार की मंत्री परिषद की बैठक में मध्यप्रदेश सिविल सेवा (अवकाश) नियम 2025 का अनुमोदन किया जिसमें मध्यप्रदेश शिक्षक संघ की बहुप्रतीक्षित मांग अनुसार शिक्षक संवर्ग को भी वर्ष में 10 दिन के अर्जित अवकाश की पात्रता का प्रावधान कर शिक्षक के साथ हो रहे भेदभाव की समाप्ति पर संघटन ने इस निर्णय का हर्ष के साथ किया स्वागत।
संघटन के प्रदेश उपाध्यक्ष मनोज गुप्ता और जिलाध्यक्ष अनिल जोशी ने बताया है कि इसके लिए संघ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लछीराम इंगले और वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष डॉ.क्षत्रवीरसिंह राठौर 2020 से सतत प्रयासरत रहे । अब तक शिक्षक संवर्ग को छोड़कर प्रदेश के शेष समस्त कर्मचारियों को वर्ष में 10 दिन के अर्जित अवकाश की पात्रता थी ।नवीन अवकाश नियम में शिक्षक के लिए भी वर्ष में 10 दिन के अर्जित अवकाश का प्रावधान किया है जिससे शिक्षक संवर्ग के साथ हो रहा बहुत बड़ा भेदभाव समाप्त हुआ है । साथ ही नवीन अवकाश नियम में किराए पर कोख देने वाली मां सेरोगेट मां को मातृत्व अवकाश,दत्तक संतान ग्रहण करने वाले लोकसेवक को 15 दिन का पितृत्व अवकाश,अवैवाहिक या एकल पुरुष को संतान पालन अवकाश,वर्ष में 20 दिन अर्धवेतन अवकाश प्रतिवर्ष देय होगा जिसे नही लेने पर संचय होता रहेगा इसे लेने की अवधि भी 125 दिन से बढ़ाकर 180 दिन की गई है,इसके लिए अस्वस्थ,दिव्यांग का अवकाश आवेदन उसके स्वजन भी दे सकेंगे । यह अवकाश नियम समयानुकूल है।
संघ के प्रदेश महामंत्री राकेश गुप्ता, जिला सचिव संतोष मिश्रा,कोषाध्यक्ष आलोक जोशी, संजय आवासीय , अखिलेश जोशी, हेमेंद्र मालवीय, धर्मेंद्र भावसार, एलेक्स थॉमस, हेमलता शर्मा, शीला निगम ,ने कर्मचारी हितेषी निर्णय के लिए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को साधुवाद देंकर मांग की है कि 35 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले शिक्षक संवर्ग को छोड़कर शेष समस्त कर्मचारियों को दी जा रही चतुर्थ क्रमोन्नति/समयमान वेतनमान योजना के भेदभाव को भी इसी तरह समाप्त कर शिक्षको को भी चतुर्थ समयमान वेतनमान दिया जाए। मीडिया के सहयोग के लिए भी आभार व्यक्त किया है।
