बड़वानी /जहां चाह वहां राह की उक्तियाॅ को चरितार्थ करते हुए ग्राम जूनाझीरा की प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका की मानवीय संवेदनाओं ने न केवल दो दिव्यांग बहनों की राह सुगम बना दी बल्कि समावेशी शिक्षा का मार्ग भी प्रशस्त कर दिया।
हम बात कर रहे हैं, जूनाझीरा के पटेल फलिया निवासी मिश्रीलाल परमाले की दिव्यांग बेटियां कुमारी अर्चना 5 वर्ष व कुमारी संतोषी 10 वर्ष की, दोनों बहने जन्म से ही मुख बधिर हैं तथा ग्राम के ही प्राथमिक विद्यालय में कक्षा पहली व कक्षा पांचवी में अध्ययनरत थी। पढ़ाई में बढ़ते शिक्षा के स्तर के साथ कक्षा पांचवी में पढ़ रही संतोषी की भी समस्या श्रवण बाधित होने के कारण बढ़ने लगी। शिक्षिका श्रीमती गीता तड़ोले ने बालिकाओं की इस स्थिति को भापकर जिला मुख्यालय पर सामाजिक न्याय विभाग अंतर्गत आशाग्राम ट्रस्ट में संचालित डीडीआरसी में श्रीमती नीता दुबे से संपर्क कर वस्तुस्थिति से अवगत कराया।

जिस पर केंद्र द्वारा बच्चियों को बुलाकर ज्योति ईएनटी सेंटर बड़वानी पर डॉक्टर प्रकाश बरफा से परीक्षण करवाकर, श्रवण बाधित रिपोर्ट प्राप्त की तथा बालिकाओं का ट्रस्ट द्वारा संचालित सी डब्ल्यू एस एन छात्रावास में दाखिला करवा कर दोनों बहनों का जिला मेडिकल बोर्ड द्वारा दिव्यांगता का प्रमाण पत्र बनाकर समावेशी शिक्षा के लिए मार्ग प्रशस्त कर बालिकाओं को मुख्यधारा से जोड़ने का महत्वपूर्ण कार्य किया।
