महाराष्ट्र में जारी सियासी घमासान में उस समय एक और बड़ा मोड़ तब आया जब खबर आई कि 78 घंटे पहले डिप्टी सीएम की शपथ लेने वाले अजित पवार ने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को सौंप दिया है। इसके कुछ देर बाद फडणवीस ने भी इस्तीफा दे दिया। इसके साथ ही माना जा रहा है कि उद्धव ठाकरे के सीएम बनने का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है। यह अजित पवार से बड़ी हार भाजपा और देवेंद्र फडणवीस की है।

महाराष्ट्र में भाजपा की 5 बड़ी गलतियां

1- भाजपा का सबसे बड़ा दांव विधायक दल के नेता के रूप में अजित पवार द्वारा जारी होने वाले व्हीप पर था। पार्टी ने सोचा कि स्पीकर उसका होगा तो जैसा चाहेंगे कर लेंगे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने जैसे ही प्रोटेम स्पीकर को ये सभी जिम्मेदारी दी तो समीकरण बिगड़ गए।

2- भाजपा ने अजित पवार के रूप में एक कच्चे खिलाड़ी पर दांव लगा दिया। कहा जा रहा है कि यही बात शरद पवार से होती तो शायद आज दोनों दल मिलकर सरकार बनाने की तैयारी कर रहे होते।

3- भाजपा ने शरद पवार को कमजोर समझा और अजित पवार को कुछ ज्यादा तवज्जो दे दी। हालांकि शरद पवार जैसे मंझे खिलाड़ी ने भी कभी सोचा नहीं था कि अजित पवार रातों-रात भाजपा से हाथ मिला लेंगे।

4-  अजित पवार जो दस्तावेज लाए, भाजपा ने उन पर बिना जांचे-परखे भरोसा कर लिया। अजित पवार द्वारा दिए गए दस्तावेजों को एनसीपी ने तत्काल फर्जी बता दिया। अटेंडेंस वाले कागज को विधायकों का सहमति वाला हस्ताक्षर बताया दिया गया। कुल मिलाकर भाजपा ने जल्दबाजी की।

5- केंद्रीय नेतृत्व ने सबकुछ देवेंद्र फडणवीस पर छोड़ दिया था। आधी-अधूरी तैयारी के साथ सरकार बनी तो केंद्रीय नेतृत्व उतरना पड़ा, लेकिन अब सबक लिए शर्मिंगदी वाली स्थिति बन रही है।

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