सिलावद से अन्तिम राठौड़ की रिपोर्ट

सिलावद। सिलावद-होलगांव के मध्य गोई नदी पर पुल बनवाने की मांग कर रहे ग्रामीणों को क्षेत्रीय सांसद गजेंद्र पटेल द्वारा दिये गए आश्वासन से जल्द ही वर्षों पुरानी यह मांग पूरी होने की आस बंधी है। लोकसभा चुनाव के दौरान सांसद पटेल ने क्षेत्र के लोगों को आश्वस्त भी किया था कि उनके सांसद बनने पर इस मांग को प्राथमिकता दी जाएगी। इसे लेकर भाजपा नेताओं ने गत दिनों सांसद पटेल से मिलकर उनका ध्यान आकर्षित कराते हुए उन्हें आवेदन भी सौंपा, जिस पर उन्होंने पुल बनवाने का आश्वासन दिया है। भाजपा नेता महेश भावसार, राम पांडे, दिलीप भावसार तथा अन्य नेताओं ने इसे लेकर सांसद को आवेदन सौंपा है। भाजपा नेता महेश भावसार तथा राम पांडे ने बताया कि सांसद ने पूर्ण आश्वासन दिया है कि वे इसे प्राथमिकता से लेकर इस मांग को पूरा करेंगे। उल्लेखनीय है कि सिलावद-होलगांव के मध्य गोई नदी पर पुल बनने से इस क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक ग्रामों के हजारों ग्रामीण लाभान्वित होंगे। यहां पुल बनने से ग्रामीण नदी पार होते ही सिलावद पहुंच जाएंगे। जबकि वर्तमान में पुल व रोड के अभाव में उन्हें सिलावद पहुंचने के लिए करीब पांच किमी का फेरा लगाना पड़ता है। इससे आने-जाने में ग्रामीणों को 10 किमी का चक्कर लगाना पड़ता है। पुल बनने से सिलावद से पाटी की दूरी भी पांच किमी कम हो जाएगी। ग्रामीणों द्वारा पुल बनवाने की मांग आजादी के बाद से की जा रही है, लेकिन कोरे आश्वासनों के सिवाय ग्रामीणों को अब तक कुछ भी हासिल नहीं हुआ है। अब ग्रामीणों को क्षेत्रीय सांसद से यह मांग पूरी होने की उम्मीद है।

असमय काल का ग्रास बन चुके हैं कई ग्रामीण


सिलावद-होलगांव के मध्य नदी पर पुल या पुलिया न होने से कई ग्रामीण नदी में बहने से असमय काल का ग्रास बन चुके हैं। नदी पार होते ही सिलावद पहुंच जाने के शॉर्टकट के चक्कर में कई ग्रामीणों की अकाल मौत हो चुकी है। इस वर्ष भी होलगांव के एक बुजुर्ग किसान की बहने से मौत हो गई। इतनी मौतें होने के बाद भी शासन-प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया है। जबकि ग्रामीण वर्षों से आवेदन-निवेदन के माध्यम से नदी पर पुल बनवाने की मांग करते आ रहे हैं।

विद्यार्थियों, किसानों और मरीजों की फजीहत

गोई नदी पर सिलावद-होलगांव के मध्य पुल न होने से विद्यार्थियों, किसानों और मरीजों की खासी फजीहत होती है। सिलावद आने-जाने में इन्हें प्रतिदिन 10 किमी का फेरा लगाना पड़ता है। विद्यार्थियों का भी ज्यादातर समय आने-जाने में ही गुजर जाता है। यहां पुल बन जाने से सिलावद और होलगांव सहित सिपाहीदुवाली, धमारिया, ठेंचा, डोंगल्यापानी, पलवत, वलन तथा पाटी क्षेत्र के सभी ग्रामों के लोगों को सिलावद आने-जाने में कम दूरी तय करना पड़ेगी।

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