आकांक्षी जिला : कै से हों कु पोषण से मुक्त, बाल शक्ति वार्ड में खाली रहते हैं पलंग

– स्वास्थ्य विभाग व महिला एवं बाल विकास विभाग कु पोषित बच्चों को नहीं पहुंचा पा रही सेंटर तक

बड़वानी। प्रधानमंत्री के आकांक्षी जिलों में शामिल बड़वानी जिले में अजीब स्थिति देखने को मिल रही है। एक ओर जिले में कु पोषित और अतिकु पोषित बच्चों की संख्या 50 हजार से अधिक आ रही है। दूसरी ओर जिला अस्पताल के बाल शक्ति वार्ड में पलंग खाली पड़े हैं। कु पोषित बच्चों को बाल शक्ति वार्ड तक पहुंचाने के लिए जिम्मेदार महिला एवं बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग बच्चों को वार्ड तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं। ज्ञात हो कि जिला अस्पताल के बाल शक्ति वार्ड की 20 पलंग की क्षमता है। वहीं गत करीब तीन-चार माह से देखा जाए तो कभी 8, कभी दस तो कभी 12 बच्चे ही वार्ड में भर्ती हो पा रहे हैं। जानकारी अनुसार जून-जुलाई में दस्तक अभियान के दौरान बाल शक्ति वार्ड में कु पोषित बच्चों की संख्या ठीक थी। इसके बाद से जिला अस्पताल का बाल शक्ति वार्ड पूरी तरह भर नहीं पाया है। विभाग के जिम्मेदारों द्वारा मॉनिटरिंग नहीं करने, आंगनबाड़ी व आशा कार्यकर्ताओं द्वारा क्षेत्र का सतत भ्रमण नहीं करने व अभियान नहीं शुरू होने से बच्चे सेंटर नहीं पहुंच रहे हैं।  सेंटर का जायजा लिया तो पाया कि ऊपरी मंजिल पर बनाए नए विंग में एक भी बच्चा भर्ती नहीं था। ताले लगे होने से सेंटर में धूल जमी है। सेंटर प्रभारी का कहना है कि बच्चे नहीं आने से यह स्थिति बनी है।

50 हजार से अधिक बच्चे कु पोषित

महिला एवं बाल विकास विभाग से मिली जानकारी अनुसार नवंबर में जिले में एक लाख 79 हजार 365 बच्चों का वजन हुआ था। इनमें से एक लाख 27 हजार 687 बच्चे सामान्य पाए गए। वहीं, 47 हजार 17 बच्चे कु पोषित व चार हजार 661 बच्चे अतिकु पोषित निकले। ऐसे में जिले को आकांक्षी जिलों में शामिल करने के बाद कई एनजीओ, संस्थाओं व विभाग द्वारा कई अभियान चलाए गए, लेकि न कहीं न कहीं जिम्मेदारों की अनदेखी से स्थिति में सुधार नहीं आ रहा है। अभी भी कु पोषण से ग्रसित बच्चों की तादाद हजारों में ही है, जो कि चिंता का विषय है।

दोनों विभागों के तर्क

– ग्रामीण क्षेत्र से लोगों के मजदूरी के लिए गुजरात-महाराष्ट्र पलायन होने से स्थिति बनी

– रबी का सीजन होने से पालक बच्चों को लेकर नहीं आ रहे

– खेत में काम व मजदूर वर्ग होने से महिलाएं 14 दिन सेंटर में नहीं रुकना चाहती

– आंगनबाड़ी व आशा कार्यकर्ता द्वारा सतत क्षेत्र का भ्रमण नहीं कि या जा रहा

बाल शक्ति वार्डों की स्थिति

– जिला अस्पताल में 20 बेड क्षमता का वार्ड है।

– जिले में पाटी, राजपुर, निवाली, पानसेमल व सेंधवा में 10-10 बेड क्षेमता के वार्ड हैं।

– सेंटर में 14 दिन मां व बच्चे को रखकर पोषण आहार व जानकारियां दी जाती है।

– वार्ड में बच्चे को लंबाई व वजन के अनुपात पर निर्धारित मापक से कम होने पर भर्ती कि या जाता है।

कु पोषित बच्चों की पहचान के लिए आशा व आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को निर्देशित कि या गया है। साथ ही बड़वानी के एनआरसी सेंटर में ओर भी व्यवस्थाएं दुरुस्त कर रहे हैं।

– डॉ. अनिता सिंगारे, सीएमएचओ बड़वानी

दोनों विभाग में समन्वय बैठाकर काम कर रहे हैं। पलायन होने व गेहूं का सीजन होने से महिलाएं सेंटर नहीं आ रही हैं। इसे लेकर कर्मचारियों को विशेष निर्देश दिए जाएंगे।

– सुनील सोलंकी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग बड़वानी

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