बड़वानी / सरदार सरोवर बांध पिछले वर्षाकाल में पहली बार पूर्ण क्षमता 136.650 मीटर तक पहुंचा। इससे राजघाट स्थित 105 वर्ष पुराना श्रीदत्त मंदिर पिछले अगस्त के अंत से डूबा हुआ था। करीब पांच माह गुजरने के बाद अब बैकवाटर लेवल कम होने पर मंदिर फिर खुला है। इतिहास में पहली बार यह हुआ है कि भगवान दत्त की मूर्ति लगातार पांच माह तक डूबी रही हो। दिसंबर बाद पानी उतरना शुरू हुआ। मंदिर खुलने पर वसंत पंचमी पर श्रद्धालुओं ने नाव से मंदिर तक पहुंच मंदिर में बड़ी मात्रा में जमी गाद को हटाया और सफाई की। इसके बाद शुक्रवार से मंदिर में फिर पूजन शुरू हुआ है।

उल्लेखनीय है कि पिछले वर्षाकाल में 8 अगस्त से नर्मदा का जलस्तर श्रीदत्त मंदिर तक पहुंचना शुरू हो गया था। धीरे-धीरे जलस्तर बढ़ने पर मंदिर पूरी तरह जलमग्न हो गया था। गुरुवार को वसंत पंचमी पर पंडित सचिन शुक्ला व अन्य श्रद्धालु नाव से श्रीदत्त मंदिर पहुंचे। मंदिर में करीब पांच फीट ऊंची सीढ़ियों तक और मंदिर के भीतर बड़ी मात्रा में गाद जमी थी। श्रद्धालुओं ने मंदिर के अंदर से सारी गादी निकाली और नर्मदा जल से धोया। साध्वी अखिलेश्वरी दीदी मां भी मंदिर पहुंची और श्रीदत्त भगवान का पूजन कि या।

तेजी से उतर रहा है पानी

इन दिनों नर्मदा का जलस्तर तेजी से कम हो रहा है। इसके चलते राजघाट स्थित श्रीदत्त मंदिर सहित अन्य मंदिर भी खुल चुके हैं। श्रद्धालु सभी मंदिरों की सफाई में जुटे हैं। पंडित सचिन शुक्ला ने बताया कि मंदिर पहली बार इतने लंबे समय तक जलमग्न रहा है। हालांकि इससे मंदिर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। मंदिर के अंदर व बाहर बड़ी मात्रा में गाद जमा हो गई थी, इसे हटाया गया है। अब मंदिर में पुनः प्रतिदिन पूजन कि या जाएगा।

1914 में हुई थी मंदिर की स्थापना

राजघाट में नर्मदा तट पर वर्ष 1912 में मंदिर का निर्माण शुरू हुआ था और वर्ष 1914 में श्रीदत्त मंदिर की स्थापना हुई थी। श्रीदत्त भगवान को ब्रह्मा, विष्णु व महेश का अवतार माना जाता है और सामान्यतः श्रीदत्त भगवान की तीन मुख वाली मूर्तियां स्थापित की जाती है। राजघाट स्थित श्रीदत्त मंदिर में एकमुखी मूर्ति स्थापित है। मंदिर के जलमग्न होने से गत 11 दिसंबर को पहली बार दत्त जयंती महोत्सव मंदिर से अलग पुराने फिल्टर प्लांट के पास मनाया गया था।

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