बड़वानी / संपूर्ण मध्यप्रदेश में बड़वानी जिला अपने पोषण पुनर्वास केंद्रों पर अति गंभीर कुपोषित बच्चों को सुपोषित बनाने के लिए सबसे अधिक बच्चों को केंद्र पर भर्ती करने  (ओवरऑल बेड ऑक्यूपेंसी) में लगातार प्रथम स्थान पर बना हुआ है। कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा के नवाचार खिलौना बैंक को अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों एवं सामाजिक क्षेत्र में कार्य कर रहे, सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा आमजनों ने भी अपना सहयोग प्रदान कर इस योजना को अद्वितीय बना दिया है ।

         जिले के इस नवाचार के तहत पोषण पुनर्वास केंद्रो पर भर्ती बच्चों को खिलौना बैंक के माध्यम से घर लौटते समय, उसकी पसंद का खिलौना भेंट किया जाता है। जिससे बच्चा घर पहुंच कर भी इस खिलौने के माध्यम से अपनी शारीरिक गतिविधियों को जारी रखते हुए सक्रिय बना रहे। वही उसके परिजनों को भी याद रहे, कि उन्हें अपने इस पुत्र के  खानपान पर विशेष ध्यान देना है। जिससे बच्चा घर पर भी सुपोषित बना रहे।

        इसके लिए कलेक्टर श्री शिवराजसिंह वर्मा प्रयासरत थे कि घर पहुंचे इन बच्चों को, घर पर भी लगातार सुपोषण आहार किसी किसी तरीके से उपलब्ध होता रहे। कलेक्टर के इस प्रयास को अब बैंक नोट प्रेस देवास ने अपना समर्थन प्रदान किया है, और इसके लिए जिले को एक करोड़ रुपए आवंटित किया है

        ज्ञातव्य है कि नीति आयोग भारत शासन द्वारा आकांक्षी जिला बड़वानी को वित्तीय समर्थन के लिये बैंक नोट प्रेस देवास को अधिकृत किया गया है। जिससे जिले की विशेष आवश्यकता एवं स्वास्थ्य एवं पोषण के क्षेत्र में आवश्यकता पड़ने पर जिला प्रशासन की मांग पर वह अपने सीएसआर मद से जिले को हर प्रकार की सहायता कर सकें।

         कलेक्टर श्री शिवराजसिंह वर्मा ने बताया कि अब इस आवंटन से पोषण पुनर्वास केंद्र से 14 दिन पूर्ण करने के पश्चात जब बच्चा घर के लिए डिस्चार्ज किया जाएगा तो उसको 15 दिन के लिए उच्च कोटि का हाई कैलोरी वैल्यू तथा पोषक तत्वों से भरपूर बाल शक्ति आहार प्रदान किया जाएगा। और जब उसे 15-15 दिन के अंतराल पर  पोषण पुनर्वास केंद्र पर  स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर की जांच हेतु लाया जाएगा तब उसकी माता को पुनः 15 – 15 दिन का बाल शक्ति आहार प्रदान किया जाएगा।

       जिले में मिशन बाल शक्ति के आर्किटेक्ट सहायक संचालक महिला एवं बाल विकास श्री अजय कुमार गुप्ता एवं पिरामल स्वास्थ्य के श्री असलम खान बताते हैं कि  कलेक्टर बड़वानी के इस नवाचार से अति गंभीर कुपोषित बच्चों के सतत पोषण समर्थन के लिए यह नीति अत्यंत कारगर सिद्ध होगी। और हम इससे  जिले में कुपोषित बच्चों को पूरी तरह से सबल बनाने में सक्षम सिद्ध हो पाएंगे। इन्होंने बताया कि शीघ्र ही उच्च गुणवत्ता एव हाई कैलोरी वैल्यू की रेसिपी क्या होगी, इसके लिए इंदौर के पोषण विशेषज्ञों से सुझाव आमंत्रित किये गये है।

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