बड़वानी । शहर में संचालित निजी नर्सिंग कालेजों में अनियमितताओं को लेकर शिकायतों पर शुक्रवार को एसडीएम घनश्याम धनगर ने इनका निरीक्षण किया। इस दौरान गंभीर अनियमितताएं पाई गई। कहीं कागजों पर विद्यार्थियों के प्रवेश कराए गए हैं, तो कहीं लेब में धूल जमा दिखी, तो कहीं लेब में उपयोग किया जाने वाला केमिकल ही एक्सपाइरी डेट का मिला।

इन अनियमितताओं से संबंधित नर्सिंग प्रशिक्षण संस्थाओं द्वारा गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान करने पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। वहीं जिन जिम्मेदारों की देखरेख में नियमानुसार इनका अनियमिताओं के साथ संचालन हो रहा हैं, उनकी अनदेखी और उदासीनता भी सामने आ गई। शुक्रवार को एसडीएम घनश्याम धनगर सहित राजस्व विभाग व महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने विभिन्ना संस्थाओं का निरीक्षण किया।

यह अनियमितता पाई गई

आयोग्य, अपर्याप्त फैक्ल्टी द्वारा अध्यापन कार्य करवाया जा रहा है। कई संस्थाओं में बीएससी की डिग्री पूर्ण नहीं होने वाले विद्यार्थी ही पढ़ा रहे हैं, जो निर्धारित नियमों के उल्लंघन की श्रेणी में आता है। निर्धारित मापदंड से कम आकार की प्रयोगशाला और अपर्याप्त लेब उपकरण होना, कई संस्थाओं में लेब में रखे गए केमिकल की बोतलों पर धूल मिली और केमिकल की एक्सपायरी तिथि एक वर्ष पूर्व ही समाप्त हो गई है। कागजों पर दर्ज बच्चों के एडमिशन

निरीक्षण के दौरान अपर्याप्त लायब्रेरी, आडियो और विजूअल कक्षा, कुछ संस्थाओं में पाया गया कि विद्यार्थी भौतिक रूप से उपस्थित नहीं है, मात्र कागज में ही बच्चों का एडमिशन दर्ज है। अधिकांश संस्थाओं में निरीक्षण के दौरान अपर्याप्त शौचालय, अव्यवस्थित, अपर्याप्त लेक्चर हाल, कामन कक्ष, स्टाफ कक्ष, प्राचार्य कक्ष पाए गए। इससे ही सिद्ध होता है कि दर्ज विद्यार्थियों को किस प्रकार की इतनी महत्वपूर्ण तकनीकी शिक्षा दी जा रही है। जबकि चिकित्सा शिक्षा विभाग की जारी गाइडलाइन अनुसार प्रत्येक नर्सिग जीएनएम कालेज में प्रति 10 विद्यार्थी पर एक ट्यूटर शिक्षक होना अनिवार्य है।

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