भारत में ओमिक्रोन के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। 2 दिसंबर को भारत में ओमिक्रोन का पहला मरीज सामने आया था और 20 दिन में यह संख्या 238 पहुंच गई है। वहीं 25 दिसंबर तक आंकड़ा 415 के करीब पहुंच गया है। इस बीच, केरल के अधिकारियों ने चिंता बढ़ाने वाली बात कही है। यहां ओमिक्रोन वेरिएंट पर नजर रख रहे अधिकारियों का कहना है कि भारत में कोरोना की तीसरी लहर आने में 30 दिन से भी कम का समय बचा है। इसलिए जनता को सजग हो जाना चाहिए और कोरोना गाइडलाइन का पूरा पालन किया जाना चाहिए।
केरल कोविड -19 विशेषज्ञ समिति के शीर्ष अधिकारी डॉ टीएस अनीश ने कहा, वैश्विक रुझानों से पता चलता है कि ओमिक्रोन मामलों की संख्या 2-3 सप्ताह में 1,000 और 2 महीनों में दस लाख तक पहुंचने जा रही है। भारत में एक बड़ा प्रकोप होने से पहले हमारे पास एक महीने से अधिक का समय नहीं है। हमें इसे रोकने की जरूरत है।
क्रिसमस और न्यू ईयर के कारण भीड़ जुटने का खतरा बढ़ गया है। यही कारण है कि केंद्र सरकार की चिट्ठी मिलने के बाद राज्यों ने लॉकडाउन (Lockdown in India) जैसी पाबंदियों पर काम करना शुरू कर दिया है। कई राज्यों में नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है। जैसे कर्नाटक में न्यू ईयर के जश्न पर पाबंदी लगा दी गई है। दिल्ली में भी पार्टियां नहीं हो सकेंगी। मुंबई में पार्टी में शामिल होने वाले मेहमानों की संख्या सीमित कर दी गई है। महाराष्ट्र में स्कूल बंद करने पर मंथन चल रहा है। गोवा में भी क्रिसमस और न्यू ईयर पर प्रतिबंध लगाने की तैयारीहै।
फरवरी 2022 में पीक पर होगा ओमिक्रोन
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी एक्शन में हैं। पीएम मोदी गुरुवार को स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बड़ी बैठक की। आशंका जताई जा रही है कि ओमिक्रोन के ये बढ़ते केस ही देश में तीसरी लहर का कारण बनेंगे। जानकारों का यह भी मानना है कि फरवरी 2022 में भारत में ओमिक्रोन के केस पीक पर पहुंच सकते हैं। तब हो सकता है कि एक दिन में एक से डेढ़ लाख केस सामने आएं। अच्छी बात यह है कि ओमिक्रोन, डेल्टा वेरिएंट जितना घातक नहीं है। यही कारण है कि यह बीमारी तेजी से जरूर फैल रही है, लेकिन मरने वालों की संख्या बहुत कम है।

