बड़वानी / जिले के जुलवानिया में जिले के 15 गांव से बाल संरक्षण समिति और शाला प्रबंधन समिति और पंचायत सदस्यों एनजोओ के सदस्यों के साथ पहल जनसहयोग विकास संस्था के द्वारा तीन दिवसीय समूह प्रशिक्षण का आयोजन किया गया! लिंग आधारित भेदभाव को समाप्त करने के समाज को करंगे जागरूक!आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की क्या भूमिका है आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की भूमिका ग्राम पंचायत स्तर पर बच्चों का संरक्षण उनका विकास, उचित देखभाल करने के लिए परिवारों मागर्दशन और समर्थन तथा विभिन्न सरकारी योजनाओं को बच्चों के लिए प्रभाव बनाना है!
बाल विवाह को रोकने के लिए ग्राम पंचायत की मदद से ले सकते हैं जो लिखित आवेदन दे सकते हैं या फिर चाइल्ड लाइन 1098 या 100 पर पर सूचना दे सकते हैं!बाल विवाह किसी बच्चे स्वास्थ्य और पोषण और शिक्षा के अधिकार से वंचित कर देता है!यदि कम उम्र में विवाह कर देने कारण भी परिवार हिंसा का जन्म होता है जिसके कारण भी परिवार टूट जाता है!कम उम्र मैं विवाह करने से बालक और बालिका दोनो पर शारिरिक, बौद्धिक विकास पर भी प्रभाव पड़ता है!शिक्षा से पूरी तरह वंचित हो जाते इसलिए बाल विवाह को रोकना चाहिए!
सरकार के द्वारा भी बाल विवाह को रोकने के लिए कानून भी बनाया गया है …बाल विवाह अधिनियम लागू किया इसके अर्न्तगत उन लोगों के खिलाफ कोठर उपाय किये गए हैं जो बालविवाह को बढ़ावा देते हैं!

प्रशिक्षण में संस्था के सदस्य को बाल अधिकारों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई जिसमें उन्हें बताया गया कि संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार समझौते में तय किए गए चार अधिकारों के बताया गया इन्हीं अधिकारों में ध्यान में रखकर प्रतिभागियों को बाल सरंक्षण के बारे में जानकारी दी गई तथा समुदाय स्तर पर बनाई गई बाल संरक्षण समिति के सदस्यों के चयन और उनके कार्य के बारे में बताया गया कि बाल संरक्षण समिति के सदस्य गांव के प्रत्येक बच्चों के संरक्षण हेतु कार्य करेगा गांव के बच्चों में से विशेषकर उन बच्चों के लिए कार्य करेंगे जिनके माता-पिता नहीं है साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर एव फुटपाथ पर रहने वाले बच्चे ऐसे बच्चे जो अपने दादा दादी अथवा नाना नानी के साथ रहते हैं इन समस्त बच्चों को बाल संरक्षण विशेष आवश्यकता होती है इसलिए ऐसे बच्चों के लिए बाल संरक्षण समिति बनाई जाती है!
शाला प्रबंधन समिति से भी विस्तृत को भी विस्तृत जानकारी दी गई! शिक्षा का अधिकार अधिनियम के में भी विस्तृत जानकारी दी गई!6से 14 वर्ष तक के बच्चे को अनिवार्य रूप से शिक्षा प्राप्त होनी चाहिए कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित नहीं रहना चाहिए और कोई भी कोई भी बच्चा साला से बाहर नहीं रहना चाहिए! इसके अतिरिक्त प्रत्येक शाला में शाला प्रबंधन समिति का होना अनिवार्य है और यह समिति स्कूल में बच्चों के अधिकारों को ध्यान में रखकर करेगी!
घरेलू हिंसा के बारे में जानकारी दी जैसेकिसी को अपशब्द कहकर भी किसी को भावना को ठेस पहुंचाना भी एक हिंसा कहलाती हैं! कई परिवार में पुरुषों के द्वारा महिलाओं के साथ अत्याचार किया जाता है जैसे मारपीट करना, गाली गलौज करना और अभद्रता का व्यवहार करना! हिंसा के रूप शारारिक हिंसा मौखिक हिंसा मौखिक व भावनात्मकहिंसा ,यौनिक हिंसा आर्थिक हिंसा के बारे में जानकारी दी गई!
इन विभागों के साथ मिलकर काम किया जा रहा है- पुलिस विभाग महिला बाल विकास, शिक्षा विभाग स्वास्थ्य विभाग के और पंचयात आंगनवाड़ी अन्य विभाग के साथ काम किया जा रहा है! 3 दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न हुआ! जनसहयोग विकास संस्था से संस्था प्रमुख प्रवीण गोखले,ज़ाहिद शेख हर्षापरमार,राहुल सूर्यवंशी अकेश ज्योति, बलराम, राजकिरण मतीन ,लोकेश अमन पूजा कविता लक्ष्मी उपस्थित रहे!
