बड़वानी /  कलेक्टर एवं जिला पंचायत सदस्य निर्वाचन के रिटर्निग अधिकारी श्री शिवराजसिंह वर्मा ने मंगलवार को नाम – निर्देशन पत्रों की सवीक्षा के दौरान वार्ड क्रमांक 2 से दुर्गासिंग नाहरसिंह एवं वार्ड क्रमांक 4 से श्रीमती अंजली रूलसिंह के दस्तावेजो पर आई आपत्ति के पश्चात बुधवार को एसडीएम एवं जिला पंचायत सीईओ से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर आपत्तिकर्ताओं की शिकायत को सही पाते हुये वार्ड क्रमांक 2 से दुर्गासिंह नाहरसिंह एवं वार्ड क्रमांक 4 से श्रीमती अंजली रूलसिंह के नाम निर्देशन पत्रों को निरस्त कर दिया है।

      कलेक्टर की इस कार्यवाही के पश्चात अब जिला पंचायत के 14 वार्डो में वैध नाम निर्देशन पत्रों की संख्या 67 रह गई है। वहीं बुधवार को वार्ड क्रमांक 14 के अभ्यर्थी वांगरया गौरसे द्वारा अपना नाम निर्देशन पत्र वापस ले लेने से अब जिला पंचायत के कुल 14 वार्डो में अभ्यर्थियो की संख्या 66 रह गई है।

      कलेक्टर एवं जिला पंचायत सदस्य के रिटर्निग अधिकारी श्री शिवराजसिंह वर्मा ने वार्ड क्रमांक 2 के अभ्यर्थी दुर्गासिंह नाहरसिंह मेहता के द्वारा प्रस्तुत अदेय प्रमाण पत्र पर आपत्ति दर्ज कराने वाले बलवंतसिंह पटेल की आपत्ति को सहीं पाते हुये अपने निष्कर्ष में बताया है कि ग्राम पंचायत वेदपुरी के तत्कालिन प्रधान दुर्गासिंह मेहता, सचिव दीपेश पाण्डे एवं ग्राम रोजगार सहायक सचिन कुशवाह पर संयुक्त रूप से 480119 रूपये की वसूली पारित की गई थी। किन्तु दुर्गासिंह मेहता को 160040 रूपये जमा कराने पर संबंधित परियोजना अधिकारी एवं कर्मचारी द्वारा त्रुटिवश अदेय प्रमाण पत्र जारी किया गया है। जबकि बकाया राशि 480119 रूपये थी। इसलिये संबंधित दुर्गासिंह मेहता का नाम निर्देशन पत्र निरस्त करते हुये अदेय प्रमाण पत्र जारी करने वाले कर्मियों पर नियमानुसार कार्यवाही प्रस्तावित की जाती है।

      इसी प्रकार कलेक्टर एवं जिला पंचायत सदस्य के रिटर्निग अधिकारी श्री शिवराजसिंह वर्मा ने वार्ड क्रमांक 4 के अभ्यर्थी श्रीमती अंजली रूलसिंह के जाति प्रमाण पत्र पर अभ्यर्थी श्रीमती गीता चौहान के प्रस्तावक श्री रामसिंह चौहान की आपत्ति को सहीं पाते हुये अपने निष्कर्ष में बताया है कि उक्त वार्ड अनुसूचित जनजाति महिला के लिये आरक्षित है। जबकि श्रीमती अंजली जन्म से अपने पिता मांग्या की बलाई जाति के कारण अनुसूचित जाति से संबंधित है। इसी वर्ग के प्रमाण पत्र के आधार पर उन्होने अपने शैक्षणिक केरियर के दौरान लाभ भी प्राप्त किया है। चूंकि उनकी शादी अनुसूचित जनजाति के श्री रूलसिंह वास्कले से हो जाने के कारण वे अनुसूचित जनजाति की सदस्य नहीं हो सकती । उनकी जाति उनके पिता की जाति के अनुरूप ही रहेगी ।

      अतः श्रीमती अंजली रूलसिंह वास्कले का नाम निर्देशन पत्र निरस्त किया जाता है।।

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