बड़वानी/यह सभी जानते हैं कि किसी भी प्रकार का नशा शरीर के लिए घातक होता है, किन्तु संगति या फिर यह कहें कि मित्रों के सहभागी बनने का अनुशरण करने के लिए लोग नशे की गिरफ्त में आ रहे हैं। किसी भी चीज का आदि होना तथा प्रतिदिन उसे सेवन करने की लत हमें दुष्परिणामों की ओर लेकर जाती है। जिससे सभ्य समाज से , नशे से ग्रसित व्यक्ति दूर होता चला जाता है।
उक्त बातें जिला एवं सत्र न्यायाधीश रामेश्वर कोठे ने आशा ग्राम में आयोजित कार्यक्रम के दौरान नशामुक्ति रथ को रवाना करते हुए कही। उन्होने कहा नशे की प्रवृत्ति को रोकने के लिए समाज के जागरूक लोगों को आगे आना होगा तथा सहजता से सुलभ अवैध नशे के संसाधनों पर रोक लगाने से ही हम नशे पर अंकुश लगा सकते हैं। इस दौरान उन्होंने उपस्थित लोगों को नशा मुक्ति हेतु अपना योगदान देने एवं स्वयं भी नशा न करने की शपथ भी दिलाई।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती 2 अक्टूबर से आरंभ इस नशामुक्ति रथ का जिले के विभिन्न स्थानों पर भ्रमण कार्यक्रम है। जिसके तहत विद्यालयों एवं चैपालों पर आयोजनों के साथ-साथ प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी तथा नशे से मुक्ति के लिए योग प्राणायाम् से भी लोगों को रूबरू कराया जायेगा।
इस अवसर पर विशेष न्यायाधीश दिनेशचन्द्र थपलियाल, तृतीय जिला एवं न्यायाधीश आशुतोष अग्रवाल, मुख्य न्यायीक मजिस्ट्रेड उत्तम कुमार डार्वी, उप संचालक सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण संजयसिंह तोमर, आशाग्राम ट्रस्ट के अध्यक्ष डाॅ. प्रकाश यादव, सचिव डाॅ. शिवनारायण यादव आदि उपस्थित थे।
