बड़वानी (निप्र) दिगम्बर जैन सिध्दक्षेत्र चूलगिरी बावनगजा पर विराजमान राष्ट्र सन्त उपसर्ग विजेता परम पूज्य आचार्य श्री विराग सागर जी महाराज की शिष्या विदुषी आर्यिका विदक्षा श्री माताजी ने मंगल चातुर्मास की स्थापना पर श्रावकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि ये चातुर्मास की बेला में भक्तों का साधु संतों के पास लग जाता है मेला, माताजी ने आगे बताया कि वर्षायोग योग का मतलब होता है जोड़ना और इस वर्षायोग में साधु ,श्रावक को धर्म के लिए जोड़ता है । वर्षायोग में पुण्य का पैसा बढ़ता है ,वर्षायोग में अध्यात्म से जुड़ने और अहिंसा का पालन करने का सबसे उचित समय है।

   कार्यक्रम के प्रारम्भ में मंगलाचरण विनय जी सिंघाना द्वारा किया गया, चित्र अनावरण क्षेत्र के ट्रस्ट के पदम् जैन,नवीन जैन और बाहर से आये श्रावकों द्वारा किया गया , शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य सोनल जी अंकुश जी कलिंजरा,नन्दा नगर जैन समाज,माला मुकेश जी जैन बड़वानी,अविनाश जी कसरावद,प्रिया हिमांशु सिंघाना, पंकज जी जैन इंदौर और प्रज्ञा, अनिता महेंद्र जी जैन कसरावद को प्राप्त हुआ, ।

    इस अवसर पर क्षेत्र पर विराजमान आचार्य श्री चिदानंद सागर जी का भी सानिध्य प्राप्त हुआ ,माताजी ने मंगल कलश स्थापना की मांगलिक क्रियाएं मंत्रोच्चार के साथ कि मुख्य चातुर्मासआदिनाथ  मंगल कलश स्थापना का सौभाग्य बेबी बाई बड़जातिया एवम सीमा जी मनावर को  प्राप्त हुआ, अन्य पंच परमेष्ठी के 5 कलश लेने का सौभाग्य महावीर जैन बड़वानी,माला मुकेश जैन बड़वानी, अभय जी जैन सिंघाना ,सौरभ जी जैन नलखेड़ा, सुजाता जी अशोक जी मुख्य कार्यपालन अधिकारी ठीकरी को प्राप्त हुआ ।

   इस अवसर पर इंदौर, कसरावद, मनावर, कुक्षी, अंजड, बड़वानी, मनावर, गंधवानी, बाकानेर, सिंघाना, गंधवानी, धरमपुरी, के श्रावक उपस्थित थे एवम क्षेत्र के पदाधिकारी जितेंद्र गोधा ,पदम् काला नवीन जैन विशेष रूप से उपस्थित थे ।

  उपरोक्त जानकारी मीडिया प्रभारी मनीष जैन ने प्रदान की

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