खेतिया (सुभाष सोनेस) आज नगर खेतिया में आदिवासी समाज के द्वारा क्रांति सूर्य भगवान बिरसा मुंडा की जयंती प्रकृति की पूजन कर सादगीमय वातावरण में. मनाई!
कार्यक्रम का संचालन कर रहे समाजसेवी श्याम वास्कले ने बताया कि 19 वीं सदी का महानायक बिरसा मुंडा यूथ आईकॉन भूमि पर ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ आवाज बुलंद कर साहस वीरता और आत्मसम्मान से उलगुलान की शब्दावली रचित कि थी.
25 साल की उम्र में समाज और देश प्रेम का पैगाम देकर इतिहास में हमेशा के लिए अमर हो गए हैं जिन पर देश के हर नागरिको को गुमान और नाज है उलगुलान का आगाज समस्त मानव जाति के अस्तित्व के लिए था देश की स्वतंत्रता और समाज की सभ्यता की रक्षा के लिए कुर्बानी देने के लिए 1 सेकंड भी नहीं रुके एवं 1 इंच भी पीछे नहीं हटे ऐसी महान शख्सियत को समाज खेतिया आत्मिय नमन करता है।

बिरसा मुंडा ने कहा था -“कानून शोषण का हथियार ना बने आम लोगों के विकास के लिए होना चाहिए ” चाहे फिर धर्म परिवर्तन हो या फिर अंग्रेजों से ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ लोहा लेना, बिरसा ने गुलामी के खिलाफ जंग क्या होती है उन्होंने अपने बलिदान से बता दिया था.
15 नवंबर 1875 को बिहार के उलिहातु गांव जिला रांची में इनका जन्म हुआ l
सभी मुण्डाओ को एकत्र कर इन्होंने अंग्रेजों से लगान माफी के लिए आंदोलन किया l
उन्हें उस इलाके के लोग धरती आबा के नाम से जानते थे, पुकारते थे और पूजा जाता था, बिरसा का नारा था” आम्बुआ दिशोंम रे, आबुआ राज ” का उलगुलान किया l
कार्यक्रम में समाज के अध्यक्ष श्री मोहन डूडवे पटवारी, मुख्य नगर पालिका अधिकारी संतराम चौहान,कैलाश पवार पटवारी, दिनेश पटेल रिटायर्ड बीएसएनएल अधिकारी, कृष्णा वास्कले सर, जामसिंह जमरे सर, युवा अध्यक्ष अंकलेश असिले, सुनील वास्कले, हिम्मत मेहता, डावर इंजिनियर, डॉ. साहब,रोहित चौहान, इंद्रजीत पटेल, टीनू पवार व समाजजन कि उपस्थिति मे संपन्न किया गया l
आभार समाज अध्यक्ष मोहन डूडवे द्वारा किया गया l
