भोपाल कोरोना के नए वैरिएंट से उपजे खतरे को लेकर प्रदेश सरकार सतर्क हो गई है। रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने समीक्षा बैठक की। इसमें उन्होंने निर्णय किया कि सोमवार से स्कूल विद्यार्थियों की 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खुलेंगे। विद्यार्थियों को आनलाइन शिक्षा का विकल्प भी दिया जाएगा। जो बच्चे स्कूल आएंगे, उसके लिए माता-पिता की सहमति जरूरी होगी। वहीं, विदेश से आने वाले यात्रियों पर न सिर्फ नजर रखी जाएगी बल्कि केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार जांच भी कराई जाएगी।

कोरोना के नए वैरिएंट और प्रदेश में संक्रमितों की संख्या बढ़ने को लेकर मुख्यमंत्री ने रविवार को समीक्षा बैठक बुलाई। इसमें स्कूलों को लेकर निर्णय लिया गया कि सोमवार से ये विद्यार्थियों की पचास प्रतिशत क्षमता के साथ संचालित होंगे। आधे बच्चे तीन दिन और आधे तीन दिन आएंगे। आनलाइन शिक्षा का विकल्प भी बच्चों के पास रहेगा। स्कूलों में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के सभी उपाय करने होंगे। कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर उन्होंने कहा कि सावधानी जरूरी है। जन जागरुकता अभियान चलाया जाएगा। मास्क लगाना अनिवार्य है। इसको लेकर रोको-टोको अभियान चलेगा। विदेशों से आने वाले यात्रियों पर नजर रखी जाए। उनकी जांच कराई जाए और यदि आवश्यक हो तो आइसोलेशन में रखा जाए। सार्वजनिक कार्यक्रमों पर रोक नहीं होगी पर कोरोना की रोकथाम संबंधी दिशानिर्देशों का पालन करना होगा।

बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी स्तर पर सावधानी बरतने में लापरवाही नहीं होनी चाहिए। बीते एक माह में विदेश से जो भी यात्री आए, उनकी जांच करवाई जाए। प्रदेश में जांच की संख्या कम न हो। जहां भी कोरोना संक्रमण के मामले सामने आते हैं, वहां विशेष तौर पर ध्यान दिया जाए। दिसंबर में कोविड वैक्सीन का दूसरा टीका शत-प्रतिशत पात्र व्यक्ति को लग जाए, इसकी चिंता की जाए। आपदा प्रबंधन समितियों की बैठक जल्द बुलाई जाए। वे एक दिसंबर को समिति के सदस्यों से चर्चा करेंगे। बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान और पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी उपस्थित थे।

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