बड़वानी / स्थानीय परिवाद समिति ने शासकीय महाविद्यालय निवाली की महिला कर्मियो की शिकायत को सही पाते हुये दोषी पुरूष कर्मियों पर कार्यवाही का अनुशंसा पत्र प्रेषित किया है। इसमें दोषी प्राचार्य डाॅ. अशोक वर्मा एवं सहायक प्राध्यापक जीआर मोरे का अन्यत्र स्थानांतर करने तथा सहायक ग्रेड-3 रवि नामदेव को चेतावनी पत्र जारी करने की अनुशंसा की है। इस समिति की अध्यक्ष सुश्री जया शर्मा एवं समिति के सदस्य अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बड़वानी श्री घनश्याम धनगर, सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य श्री निलेषसिंह रघुवंशी, जिला योजना अधिकारी श्रीमती सरिता भूरिया एवं एकीकृत बाल विकास परियोजना अधिकारी बड़वानी श्रीमती कविता चैहान थी ।

            समिति ने शासकीय महाविद्यालय निवाली की तीन महिला कर्मियो की शिकायत को अपनी जाॅच एवं स्थल के निरीक्षण के आधार पर सही पाते हुये उक्त कार्यवाही की अनुशंसा महिलाओं के कार्य स्थल पर लैंगिग उत्पीडन (निवारण, प्रतिशेध एवं प्रतितोष) अधिनियम 2013 के अंतर्गत किया है।

            ज्ञातव्य है कि महाविद्यालय की एक महिला सहायक प्राध्यापक एवं एक महिला अतिथि विद्धवान तथा एक महिला प्रयोगशाला तकनीशियन ने संस्था के प्राचार्य डाॅ. अशोक वर्मा, सहायक प्राध्यापक जीआर मोरे तथा सहायक ग्रेड-3 रवि नामदेव के विरूद्ध थाना निवाली में एफआईआर दर्ज करवाकर उल्लेखित किया था कि वे कालेज में द्विअर्थी शब्दो का प्रयोग कर महिला कर्मियो को परेशान करते है। साथ ही महिलाओं को देखकर अश्लील इशारे एवं महिलाओं के वेशभूषा पर अशोभनीय टिका-टिप्पणी करते है। साथ ही विभाग के व्हाट्सएप गु्रप पर आपत्तिजनक फोटो डालकर कमेंट्स करते है। साथ ही कालेज अवधि में ही परिसर भवन में बने बेडमिंटन कोर्ट पर आपत्तिजनक वेशभूषा के साथ बेडमिंटन खेलते है एवं महिलाओं को देखकर द्विअर्थी कमेंट्स एवं शोर करते है। जिससे महिला कर्मियों के साथ – साथ विद्यार्थी भी परेशानी एवं असहजता का अनुभव करते है।

            इस पर समिति के सदस्यो ने दोनो पक्षो के बयान को 17 एवं 22 फरवरी को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बड़वानी के कार्यालय में सुना एवं दर्ज किया, वहीं घटना स्थल का निरीक्षण 9 मार्च को कर वहाॅ के विद्यार्थियो एवं अन्य कर्मियो से चर्चा कर वस्तुस्थिति को जाना तथा महिलाओं के शिकायत एवं कथन में उल्लेखित बिन्दुओं का मिलान स्थल पर विद्धमान साक्ष्यो से करने तथा व्हाट्सएप ग्रुप पर हुई चेटिंग को देखने के उपरान्त पाया कि महिलाओं का आरोप सत्य प्रतित हो रहा है। अतः दोषी पुरूष अधिकारियों एवं कर्मियों के विरूद्ध अविलम्ब अनुशंसित कार्यवाही किया जाना उचित होगा ।

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