बड़वानी(रेवा की पुकार) 25 मई1998 का वो दिन जिस दिन जिलावासी कहलाने का सौभाग्य बड़वानी जिलावासियों को मिला। जिलेवासियों की कई उम्मीदें और आशाऐं इस नवीन जिले से बंधी हुई थी,लेकिन जितना विकास होना था शायद उतना हुआ नहीं और ना ही जो सुविधाऐं जिलेवासियों को मिलना थी मिली । यही कारण है कि आज भी वन-बन्धु योजनान्र्तगत देश के चुनिंदा 10 विकास खण्डो में से चयनीत जिले का आदिवासी बाहुल्य विकास खण्ड पाटी, जिसके विकास के नाम पर करोड़ो रुपया फूॅंक मारा।

आज भी इस विकास खण्ड के कुछ गाॅवों के फल्यावासी पीने के पानी के लिए तरस रहे है। नल-जल योजना के नाम पर ग्रामवासी विकास को ढॅूढते नजर आ रहे है।

आज भी जिले के दुर्गम क्षेत्र के रहवासी प्रसूताओं को झोली में डालकर कई किलो मीटर का पैदल सफर करते देखे जा सकते है।

इन 24 सालों में ना तो रेल लाईन आई और ना हवाई पट्टी बनी बल्कि मेडिकल कालेज…इंजीनियरिंग कालेज तक की सुविधा तक नही मिल पाई। जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं पर भी कई बार उॅगलिया उठ चुकी है। जबकि बड़वानी जिला अस्पताल में अन्य जिलों के मरीज भी अधिक संख्या में आते है। हाॅं विकास के नाम पर कालोनियों की बाढ़ सी आ गई,कई प्रायवेट शैक्षणिक संस्थाऐं और हाॅस्पिटल खुल गये, जहाॅं पर गरीब व मध्यम वर्गीय लोगो का उपचार और बच्चों की शिक्षा एक सपना सा लगता है। इन वर्षो में जिले में किसी भी प्रकार के उधोगों की भी स्थापित नही हो पाई, जिससे बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध हो सके। ऐसा नही है कि जिले में राजनेतिक नेतृत्व की कोई कमी रही हो 1998 से 2008 तक लगातार श्री प्रेमसिंह पटेल भाजपा के विधायक रहे जो पुनः 2018 में चोथी बार जीतकर वर्तमान में प्रदेश के केबिनेट मंत्री है। विगत तीन बार से लोकसभा सांसद का गौरव भी बड़वानी जिले को मिला और वर्तमान में तो राज्यसभा सांसद भी बड़वानी जिले के ही है। शहर में स्थानीय प्रशासन की बात करें तो एक बार को छोड़कर लगातार कांग्रेस की परिषदें रही है। बाबजुद शहर विकास के नाम पर ठन-ठन गोपाल वाली कहावत चरितार्थ होते देखी जा सकती है। वार्डो की सड़के हो या मुख्य मार्गो की कितनी खस्ता हालत में है सभी को पता है। उपलब्धियों के नाम पर कांरजा चैराहे से नये बस स्टेंड तक का डिवाईडर ही बस चर्चा में रहता है। वर्तमान में जिला प्रशासन की उपलब्धि है कि आशाग्राम की पहाड़ी को शिवकुॅज के रुप में सुन्दरता प्रदान करते हुए शहरवासियों के घुमने-फिरने के लिए अच्छा स्थान उपल्ब्ध करवाया गया। नही तो लोग केवल जार्गस पार्क और इंदिरा गार्डन को ही बहुत बड़ी उपलब्धियों के नाम से जानते थे। अब फिर से चुनावी दौर शुरु होने जा रहा है पंचायत चुनाव,नगरीय निकाय चुनाव , 2023 में विधान सभा तो 2024 में लोकसभा के चुनाव….फिर आचार संहिता का टेपर आड़े आऐगा …यनिकी विकास तो फिर विकास का इंतजार करना पड़ेगा ?
बड़वानी जिले में अभी तक पदस्थ कलेक्टर्स
क्रमांक नाम कब से कब तक
1- श्री अशोक शाह 25.5.1998 से 10.9.1999
2- श्री आशीष श्रीवास्तव 11.9.1999 से 24.6.2000
3- श्री ओमेश मंूदड़ा 24.6.2000 से 10.6.2002
4- श्री जब्बार ढाॅंकवाला 10.6.2002 से 20.11.2003
5- श्री जे एन मालपानी 20.11.2003 से 8.8.2004
6- श्रीमती अंजुसिंह बघेल 8.8.2004 से 28.10.2004
7- श्री चन्द्रहास दुबे 28.10.2004 से 6.5.2005
8- श्री विश्वमोहन उपाध्याय 6.5.2005 से 19.1.2006
9- श्री अरुण तिवारी 19.1.2006 से 7.6.2007
10- श्री एस के पाल 7.6.2007 से 6.7.2009
11- श्री एनबीएस राजपूत 6.7.2009 से 24.4.2010
12- श्री सन्तोष मिश्र 24.4.2010 से 12.8.2011
13- श्रीमती रेनू तिवारी 14.8.2011 से 14.2.2012
14- श्री श्रीमन् शुक्ला 14.2.2012 से 7.11.2013
15- श्री शोभित जैन 8.11.2013 से 11.8.2014
16- श्री रविन्द्र सिंह 13.8.2014 से 5.8.2015
17- श्री अजयसिंह गंगवार 5.8.2015 से 27.5.2016
18- श्री तेजस्वी एस नायक 3.6.2016 से 18.5.21018 तक
19- श्री अमित तोमर 21.5.2018 से ……………
20- श्री शिवराजसिंह वर्मा वर्तमान में पदस्थ
