भोपाल त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की घोषणा के साथ ही प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में आचार संहिता प्रभावी हो गई। अब न तो कोई नई योजना की घोषणा सरकार कर पाएगी और न ही किसी योजना में नए हितग्राही का चयन होगा। पूर्व में स्वीकृत वे कार्य, जो प्रारंभ नहीं हुए हैं, उनमें काम शुरू नहीं किया जाएगा। पंचायत के अधीन नियुक्ति या स्थानांतरण भी प्रतिबंधित रहेगा।

राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करते ही सामान्य प्रशासन विभाग को अभ्यर्थियों, राजनीतिक दलों, शासकीय विभागों, पंचायत और उनके कर्मचारियों के लिए लागू आदर्श आचरण संहिता की प्रति भेज दी है। साथ ही कहा कि आचार संहिता 15 जुलाई तक प्रभावी रहेगी। इसका सख्ती से पालन कराया जाए। पंचायत क्षेत्र में किसी भी नए भवन के निर्माण या परिवर्तन की अनुमति नहीं दी जाएगी। किसी प्रकार के व्यवसाय के लिए लायसेंस भी नहीं दिए जाएंगे पर नवीनीकरण की अनुमति रहेगी। किसी संगठन या संस्था को कार्यक्रम के लिए सहायता या अनुदान नहीं दिया जाएग। पंचायतों के माध्यम से क्रियान्वित किए जाने परिवार, समूह या व्यक्तिमूलक आर्थिक एवं सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों के तहत नए हितग्राहियों का चयन नहीं किया जा सकेगा। पूर्व से चल रहे कार्यों पर कोई रोक नहीं रहेगी और भुगतान भी होगा। मजदूर यदि कार्य की मांग करते हैं तो दस लाख रुपये तक के सामुदायिक कार्यों को जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी स्वीकृति दे सकेंगे। यह भी तभी किया जाएगा, जब पूर्व से चल रहे कामों में मजदूरों को पर्याप्त अवसर न मिल रहा हो।

मंत्रीविधायक स्वेच्छानुदान नहीं कर सकेंगे स्वीकृत

निर्वाचन प्रक्रिया समाप्त होने तक मंत्री, सांसद या विधायक, जहां चुनाव हैं, वहां स्वेच्छानुदान, विकास या जनसंपर्क राशि स्वीकृत नहीं कर सकेंगे और न ही इस संबंध में कोई आश्वासन देंगे। किसी योजना या जन उपयोगी सुविधाओं का शिलान्यास व उदघाटन भी नहीं होगा। सरकार द्वारा भी ऐसा कोई कार्य नहीं किया जाएगा, जिसके माध्यम से प्रचार होता हो। चुनाव क्षेत्र में मंत्री के दौरे को चुनावी माना जाएगा। इस दौरान वे शासकीय वाहन सहित अन्य सुविधाओं का उपयोग नहीं करेंगे।

चुनाव की शुचिता को प्रभाव करने वाले वादों से बचें

आयोग ने आदर्श आचार संहिता में यह भी कहा कि राजनीतिक दल और अभ्यर्थियों को घोषणा पत्र में ऐसे वादों को बचना चाहिए जो चुनाव की शुचिता को प्रभावित करे या निष्पक्ष मतदान में बाधक बने। साथ ही यह अपेक्षा की जाती है कि जो भी वादा करें, उसका औचित्य और उसकी पूर्ति के लिए वित्तीय साधन कैसे जुटाए जाएंगे, उसका स्पष्ट उल्लेख किया जाना चाहिए।

इन पदों के लिए होगा चुनाव

जिला पंचायत सदस्य- 875

जनपद पंचायत सदस्य- 6,771

सरपंच- 22,921

पंच- 3,63,726

मतदाता

कुल- 3,93,78,502

पुरुष मतदाता- 2,03,14,793

महिला मतदाता- 1,90,62,749

अन्य मतदाता- 960

मतदान केंद्र

71,643

मतदान कर्मी लगेंगे

– चार लाख 25 हजार

– 750 से अधिक मतदाता वाले 3,258 केंद्रों पर एक अतिरिक्त मतदानकर्मी रहेगा।

चरणवार चुनाव

चरण-जनपद पंचायत- ग्राम पंचायत- मतदान केंद्र- मतदाता

प्रथम- 115-8,702-27,049-1,49,23,165

द्वितीय-106-7,661-23,988-1,31,44,027

तृतीय-92-6,649-20,606-1,13,11,310

नोट- 91 पंचायतों का कार्यकाल अभी पूरा नहीं हुआ है, इसलिए इनका चुनाव फिलहाल नहीं होगा पर जनपद और जिला पंचायत सदस्य का कराया जाएगा।

कब क्या होगा

– 30 मई- सभी जिलों में कलेक्टर अधिसूचना जारी करेंगे और नामांकन पत्र जमा होना प्रारंभ होगा।

– छह जून- नामांकन जमा करने की अंतिम तिथि

– सात जून- नामांकन पत्रों की जांच

– 10 जून- नाम वापसी लेने की अंतिम तिथि

मतदान

प्रथम चरण- 25 जून

द्वितीय चरण- एक जुलाई

तृतीय चरण- आठ जुलाई

मतदान केंद्रों पर मतगणना

प्रथम चरण- 25 जून

द्वितीय चरण- एक जुलाई

तृतीय चरण- आठ जुलाई

विकासखंड मुख्यालय पर मतगणना

प्रथम चरण- 28 जून

द्वितीय चरण- चार जुलाई

तृतीय चरण- 11 जुलाई

परिणामों की घोषणा

14 जुलाई- पंच, सरपंच, जनपद पंचायत सदस्य

15 जुलाई- जिला पंचायत सदस्य

किस पद के लिए किस रंग का रहेगा मतपत्र

पंच-सफेद

सरपंच-नीला

जनपद सदस्य- पीला

जिला पंचायत सदस्य- गुलाबी

नगरीय निकाय चुनाव की घोषणा भी जल्द

राज्य निर्वाचन आयुक्त ने संकेत दिए कि नगरीय निकायों के चुनाव की घोषणा भी जल्द हो जाएगी। मध्य प्रदेश नगर पालिक विधि संशोधन अध्यादेश 2022 प्राप्त हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने एक जुलाई तक चुनाव कार्यक्रम घोषित करने के निर्देश दिए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *