राष्ट्रपति चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और चुनाव की तारीख समेत पूरी प्रक्रिया की जानकारी दी। आयोग ने बताया कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए 15 जून से नॉमिनेशन शुरु होगा और 18 जुलाई को वोटिंग होगी। वोटों की गिनती और आपत्तियों के निराकरण के बाद 21 तारीख को नये राष्ट्रपति का ऐलान किया जाएगा। राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया की जानकारी देते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि वोटिंग संसद भवन और विधानसभा में ही होगी। राष्ट्रपति चुनाव के लिए 776 सांसद और 4120 विधायक वोट डाल सकेंगे। राष्ट्रपति चुनाव में कुल 4,809 सदस्य वोट डालेंगे। साथ ही एक मत की वैल्यू 5,43,200 होगी। नॉमिनेशन के लिए 50 प्रस्तावक होने जरुरी हैं। उम्मीदवार खुद या प्रस्तावक के जरिए नामांकन दाखिल कर सकते हैं। इस चुनाव को लेकर कोई भी पार्टी व्हिप जारी नहीं कर सकती।

मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 62 के अनुसार, अगले राष्ट्रपति का चुनाव मौजूदा कार्यकाल के खत्म होने से पहले कराया जाना जरूरी है। इसलिए 16वें राष्ट्रपति को 25 जुलाई तक शपथ ग्रहण करना होगा। साल 2017 में चुनाव 17 जुलाई को आयोजित हुए थे, जिनके नतीजे तीन दिन बाद 20 जुलाई को घोषित किए गए थे।

राष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्यों के चुनावी कॉलेज के सदस्यों और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी समेत सभी राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों द्वारा किया जाता है। भारत में राष्ट्रपति का चुनाव इलेक्टोरल कॉलेज के जरिए होता है, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं। इस चुनाव में राज्यसभा या लोकसभा या विधानसभाओं के नामांकित सदस्य मतदान के योग्य नहीं होते हैं और वे चुनाव में भाग नहीं लेते हैं। इसी तरह विधान परिषदों के नामित सदस्य भी राष्ट्रपति चुनाव में मतदाताओं के तौर पर शामिल नहीं होते हैं।

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