भोपाल /  प्रदेश के एक करोड़ 25 लाख परिवारों को प्रतिमाह उचित मूल्य की राशन दुकानों से खाद्यान्न समय पर मिलता है या नहीं, सरकार इसकी पड़ताल कराएगी। इसके लिए जांच दल बनाए गए हैं, जो उपभोक्ताओं से राशन वितरण की वास्तविकता पता लगाकर रिपोर्ट शासन को देंगे। साथ ही यह भी पता करेंगे कि राशन दुकानें नियमित तौर पर खुलती हैं या नहीं। यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को राशन वितरण में गड़बड़ी को लेकर शिकायतें मिलीं हैं। इसे देखते हुए खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग ने प्रदेश की ढाई हजार दुकानों की जांच कराने का निर्णय लिया है।

प्रदेश में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के अंतर्गत उचित मूल्य की राशन दुकानों के माध्यम से खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री को काफी समय से यह शिकायत मिल रही है कि राशन वितरण में अनियमितता हो रही है। पात्र हितग्राहियों को समय पर राशन नहीं दिया जा रहा है और दुकानें भी नियमित नहीं खुलती हैं। जनवरी 2022 में राजगढ़ जिले में गड़बड़ी पाने पर खाद्य आपूर्ति अधिकारी और खाद्य अधिकारी को निलंबित कर दिया था। पिछले दिनों श्योपुर, डिंडौरी और झाबुआ के खाद्य अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए खाद्य विभाग को व्यवस्था में सुधार करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद विभाग के प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवर्ई ने ढाई हजार उचित मूल्य की जांच कराने के निर्देश दिए हैं। जांच दल दुकानों में उपलब्ध खाद्यान्न् के भंडार और वितरण की स्थिति का पता लगाएगा। उपभोक्ताओं से राशन वितरण के लिए दुकानें नियमित तौर पर खुलने, राशन मिलने में लगने वाले समय आदि की जानकारी लेंगे। जांच के लिए उन दुकानों को चुना गया है, जिनमें खाद्यान्न वितरण का प्रतिशत कम है या जिनके नियमित न खुलने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं। जांच निष्पक्ष हो, इसके लिए दल में दूसरे जिलों के अधिकारियों को रखा गया है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत प्रतिमाह दो लाख 94 हजार टन खाद्यान्न का वितरण होता है।

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