भोपाल / मध्य प्रदेश में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस सहित चार वरिष्ठ अधिकारी दो माह में सेवानिवृत्त हो जाएंगे। मुख्य सचिव की नियुक्ति नवंबर में होगी। इसके लिए विचार विमर्श प्रारंभ हो गया है। उधर, अपर मुख्य सचिव वित्त मनोज गोविल नवंबर में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले जाएंगे। उन्हें सचिव पद पर नियुक्ति दी गई है। आगामी वित्तीय वर्ष के लिए बजट तैयार करने की प्रक्रिया भी अगले माह से प्रारंभ हो जाएगी, इसलिए मंत्रालय स्तर पर वरिष्ठ अधिकारियों के कार्य विभाजन नए सिरे से किए जाएंगे। कुछ कलेक्टर भी बदले जा सकते हैं। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस नवंबर में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। वहीं दिसंबर में कृषि उत्पादन आयुक्त शैलेंद्र सिंह सेवानिवृत्त हो जाएंगे।
केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ मनोज झालानी और संजय कुमार सिंह भी दिसंबर में सेवानिवृत्त होंगे। मनोज गोविल के केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने से अपर मुख्य सचिव का जो एक पद रिक्त होगा, उस पर प्रमुख सचिव वन अशोक बर्णवाल को पदोन्नत किया जाएगा। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे। इसके लिए केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ 1989 बैच के अधिकारी अनुराग जैन प्रबल दावेदार हैं। उनकी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से पिछले सप्ताह नई दिल्ली में मुलाकात भी हो चुकी है। प्रदेश में उपलब्ध अधिकारियों में 1989 बैच के ही अधिकारी मोहम्मद सुलेमान का नाम चर्चा में है।
सरकार के पास 1988 बैच की एक महिला आइएएस अधिकारी राणा को मुख्य सचिव बनाने का विकल्प भी है। वे अप्रैल 2024 में सेवानिवृत्त होंगी। राणा अभी माध्यमिक शिक्षा मंडल की अध्यक्ष हैं। इसके अलावा 1989 बैच के दो अधिकारी विनोद कुमार और जेएन कंसोटिया भी हैं, जो 2025 में सेवानिवृत्त होंगे। सूत्रों का कहना है कि यदि सुलेमान को मुख्य सचिव नहीं बनाया जाता है तो उन्हें अपर मुख्य सचिव वित्त का दायित्व दिया जा सकता है। अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं, इसमें वित्त विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी क्योंकि सरकार इसके पहले बजट प्रस्तुत करेगी, जो चुनावी होगी।
बिना अनुमति नहीं होंगे कलेक्टरों के तबादले प्रदेश में मतदाता सूची का पुनरीक्षण कार्य नौ नवंबर से प्रारंभ होगा। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों के नेतृत्व में इस कार्य को एक माह में पूरा किया जाना है। इसे ध्यान में रखते हुए मतदाता सूची के प्रारंभिक प्रकाशन के बाद कलेक्टरों के तबादले निर्वाचन आयोग की अनुमति के बिना नहीं होंगे।
