बड़वानी / प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री आनन्द कुमार तिवारी  द्वारा पारित अपने निर्णय में 2014 को मृतिका जुगनीबाई की हत्या करने के आरोप मे जुगनीबाई के पति चतरिया पिता खुमसिंह तथा जुगनीबाई की माता भुरीबाई पति राजू, दोनो निवासी खदान मोहल्ला को करने का अपराध सिद्ध पाते हुये दण्डित किया गया है।

                अभियोजन के अनुसार 6 सितम्बर 2014 को सूचनाकर्ता रवि (मृतका का भाई) द्वारा थाना बडवानी पर जुगनी बाई के गुम होने के संबंध में गुम इंसान की रिपोर्ट दर्ज करवायी गई। गुम इंसान की जाँच के दौरान जुगनीबाई के मकान बदान मोहल्ल मे जाकर जुगनीबाई के मकान पर लगे ताले को तोड़कर अन्दर प्रवेश करने पर बेदी, ओटला बना हुआ दिखायी देने पर पुलिस ने उक्त बेदी की खुदायी नगरपालिक बडवानी की टीम द्वारा करवायी थी तथा खुदायी की विडियोग्राफी भी करवायी गई थी।  खुदाई में जमीन के अन्दर गढ़ा हुआ शव पुलिस के द्वारा बरामद किया गया था तथा शव की पहचान करवाने पर शव जुगनीबाई पति चतरिया भील का होना पाया था।  प्रकरण के अनुसंधान में मृतिका का पति चतरिया व मृतिका की माता गुरीबाई घर पर नही पाये गये थे, शंका के आधार पर पुलिस के द्वारा मृतिका के पति एवं माता के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किया गया। अनुसंधान के दौरान पुलिस के द्वारा परिस्थिती जन्य एवं रासायनिक साक्ष्य एकत्रित किये गये थे। अभियुक्तगण घटना दिनांक से लगातार 28 सितम्बर 2020 तक फरार रहे थे, जिनको पुलिस के द्वारा गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया था।

                प्रकरण के विचारण में आयी साक्ष्य परिस्थिती जन्य साक्ष्य एवं रासायनिक परीक्षण रिपोर्ट के आधार पर अभियुक्त चतरिया को भा.द.वि. की धारा 302 का दोषी पाते हुये अपराध धारा 302 में आजीवन कारावास तथा 1 हजार रूपये का अर्थदण्ड एवं धारा 201 भा.द.वि. के अन्तर्गत अभियुक्त चतरिया एवं भुरी बाई को ३३ वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500-500 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित करने के आदेश प्रदान किये है। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी श्री हेमेन्द्र कुमरावत (लोक अभियोजक) बड़वानी के द्वारा की गई।

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