इंदौर /  धार्मिक कट्टरता और भड़काऊ शिक्षा सहित हिंदू विरोधी विवादित किताब से पढ़ाई जाने को लेकर शासकीय विधि महाविद्यालय में शनिवार को जमकर विवाद हुआ। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद व विद्यार्थियों ने हंगामा करते हुए प्राचार्य इस्तीफे की मांग की है। हंगामे के बाद प्रिंसिपल डॉ ईनामुर्रहमान ने अपना इस्तीफा उच्च शिक्षा विभाग आयुक्त को भेज दिया।

शासकीय विधि महाविद्यालय धार्मिक कट्टरता और भड़काऊ शिक्षा का अखाड़ा बनता जा रहा है। महाविद्यालय के छह प्रोफेसरों द्वारा संप्रदाय विशेष के खिलाफ विद्यार्थियों को भड़काने के मामले के बाद महाविद्यालय की लाइब्रेरी में अब विवादित पुस्तक मिली है। लेखिका डा. फरहत खान द्वारा लिखी पुस्तक (सामूहिक हिंसा एवं दांडिक न्याय पद्धति) में हिंदुओं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद के खिलाफ आपत्तिजनक अंश लिखे गए हैं। कुछ ऐसी पंक्तियां हैं, जिसमें हिंदुओं व हिंदूवाद से जुड़ी संस्थाओं को धर्म के आधार पर भड़काने का जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। इस मामले में अब शासन ने हस्तक्षेप किया है। उच्च शिक्षा मंत्री डा. मोहन यादव ने विभाग के अपर मुख्य सचिव को मामले की जांच सौंपी है।

उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा है कि इंदौर के शासकीय विधि महाविद्यालय में धार्मिक कट्टरता फैलाने के मामले में छह शिक्षकों की भूमिका के साथ ही विवादित व आपत्तिजनक अंशों वाली पुस्तक की भी जांच की जाएगी। यह पुस्तक एक निजी प्रकाशन की बताई जा रही है। इन सभी मामलों में जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस बीच शुक्रवार को छात्र नेताओं ने भंवरकुआं थाने पहुंचकर आपत्तिजनक पुस्तक के मामले में एफआरआर दर्ज कराने की मांग करते हुए आवेदन भी दिया। कहा जा रहा है कि कालेज प्रबंधन ने इस पुस्तक को खरीदा था और यह पुस्तक वहां की लाइब्रेरी में उपलब्ध है।

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