अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर 9 दिसंबर (शुक्रवार) को भारत और चीन के सैनिकों के बीच आमने-सामने का संघर्ष का मामला गर्माता जा रहा है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के जवानों ने तवांग सेक्टर में LAC पार करने की कोशिश की। इसका भारतीय सैनिकों ने पूरी ताकत से जवाब दिया। इस दौरान हुए संघर्ष में दोनों पक्षों के करीब 30 सैनिक घायल हुए। घायलों में ज्यादा संख्या चीनी सैनिकों की बताई जा रही है। गंभीर रूप से जख्मी छह भारतीय सैनिकों का गुवाहाटी के 151 बेस अस्पताल में इलाज चल रहा है। एलएसी पर हुई इस झड़प के तुरंत बाद भारत और चीन के तवांग सेक्टर के सैन्य कमांडरों के बीच सीमा पर शांति बहाली के लिए फ्लैग मीटिंग भी हुई।
कांग्रेस ने भी अपने सांसदों और राज्यसभा सदस्यों की बैठक बुलाई है। पार्टी संसद में इस मामले को उठाने के लिए रणनीति बना रही है। कांग्रेस के कई सदस्यों ने सदन की कार्यवाही रोककर बहस की मांग की है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेना प्रमुखों के साथ इमरेजंसी बैठक बुलाई है। बैठक में विदेश मंत्री भी मौजूद हैं। माना जा रहा है कि अरुणाचल प्रदेश में चीन सीमा के ताजा हालात पर चर्चा होगी। रक्षा मंत्री 12 बजे लोकसभा और 2 बजे राज्यसभा में बयान जारी करेंगे।
नया खुलासा हुआ है कि इस झड़प के दौरान भारतीय सेना, चीनी सैनिकों पर भारी पड़ी है। दरअसल, चीनी सैनिक हाथों में हथौड़े लेकर भारतीय सीमा में घुस आए थे। इस पर भारतीय सैनिकों ने उनका विरोध किया और रोकने की कोशिश की। इसी दौरान झड़प हुई। इसके बाद भारत ने उन सैनिकों को जमीन पर बैठाए रखा। दोनों सेनाओं के कमांडरों की बैठक हुई, उसके बाद ही सैनिकों को छोड़ा गया।

भारत-चीन सीमा विवाद का यह मामला मंगलवार को संसद में उठ सकता है। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर चर्चा और सरकार के बयान की मांग की है। AICC महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस शुरू से सीमा पर चीन की हरकतों को लेकर सरकार को ‘जगाने’ की कोशिश कर रही है, लेकिन मोदी सरकार अपनी राजनीतिक छवि बचाने के लिए चुप है। वहीं पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्वीट किया कि मोदी सरकार ईमानदारी बरतें। देश को विश्वास में लेने की जरूरत है। सरकार बताएं कि वहां क्या हुआ।
