बड़वानी / राज्यसभा सांसद डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, भारत सरकार मनसुख मांडविया से नई दिल्ली में पत्र सौपकर मांग की कि मध्यप्रदेश ने निमाड़ क्षेत्र के आदिवासी बहुल जिलों में नवीन शासकीय मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जाये।
सांसद डॉ. सोलंकी ने बताया कि मध्यप्रदेश का निमाड़ क्षेत्र एक आदिवासी बहुल क्षेत्र है, इस क्षेत्र में लगभग 07 जिले आते है, जिनमें बड़वानी, धार, अलीराजपुर, झाबुआ, खरगोन, मंडला और डिंडोरी है।
वर्तमान समय में भौगोलिक स्थिति एवं जनसंख्या अनुपात को देखते हुए इन जिलों में एक भी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय नही है। जिससे इस क्षेत्र के मेरे आदिवासी भाई-बहनों को आधुनिक चिकित्सा का लाभ नही मिल पा रहा है।
निमाड़ क्षेत्र के अधिकांश आदिवासी लोग पहाड़ी इलाकों में निवास करते है। जिनका जीवन पूर्णतः कृषि व कृषि मजदूरी पर निर्भर करता है। वर्तमान समय में, इस क्षेत्र के लोग कोरोना वायरस संक्रमण और अन्य कुछ अनुवांशिक गम्भीर बीमारियों से प्रभावित हुए है। आजादी के 75 वर्ष होने के बावजूद भी, इन आदिवासी बाहुल्य जिलों में एक भी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय नही है,जिससे यहाँ पर उत्पन्न होने वाली गम्भीर बीमारियों की रोकथाम के लिए शोध कार्य नही हो पा रहा है । गम्भीर बिमारियों के उपचार के लिए अन्य महानगरों का रुख करना पड़ता है, जिससे इन गरीब आदिवासी लोगो के लिए और कष्टदायी एवं पीड़ादायी होता है। कई बार समय पर उपचार न मिलने पर जान से भी हाथ धोना पड़ता है।
राज्यसभा सांसद डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी ने जानकारी देते हुए बताया कि कई बार उक्त जिलों के पार्टी पदाधिकारियों, जन प्रतिनिधियों, विभिन्न सामाजिक संगठनों एवं क्षेत्रीय ग्रामीण जनता द्वारा लंबे अरसे से शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों की मांग निरन्तर की जा रही है, जो कि अभी तक लंबित है।
उपर्युक्त विषय की महत्ता को देखते हुए मध्यप्रदेश के निमाड़ क्षेत्र के आदिवासी जिलों में नवीन शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय खोलने की स्वीकृति प्रदान करने का कष्ट करें।
