कोरोना के 201 मरीज (coronavirus cases) सामने आए हैं। वहीं चीन के बाद जापान और अमेरिका में भी हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। भारत में केंद्र के साथ ही राज्य सरकारें एक्शन मोड में हैं। क्रिसमस, न्यू ईयर और नए साल के शुरू में आने वाले त्योहारों देखते हुए रणनीति बनाई जा रही है, गाइडलाइन जारी की जा रही है।

भारत में कोरोना मरीजों की संख्या फिर बढ़ने लगी है। पिछले 24 घंटों में जहां 201 मरीज सामने आए हैं, वहीं इससे एक दिन पहले 185 नए मामले सामने आए थे और एक व्यक्ति मौत हुई थी। उससे एक दिन पहले यानी बुधवार को कोरोना संक्रमण के 131 नए मामले सामने आए थे, जबकि एक की जान गई थी।

मध्‍य प्रदेश में कोरोना के रोज दो सौ सैंपल भी नहीं, मुख्यमंत्री ने तैयारी रखने के दिए निर्देश

अस्पतालों की ओपीडी में पहुंचने वाला हर तीसरा मरीज सर्दी-जुकाम और बुखार से पीड़ित है, पर मध्‍य प्रदेश में प्रतिदिन कोरोना की जांच कराने वाले दो सौ भी नहीं हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर हर पाजिटिव सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग कराने को कहा है, लेकिन प्रदेश में रोजाना जांच का आंकड़ा कई दिन सौ तक भी नहीं पहुंच रहा है। ऐसे में सभी पाजिटिव सैंपल की सीक्वेंसिंग कराने के बाद भी नए वेरिएंट का पता लगाना मुश्किल हो जाएगा।

कोरोना के नए सब वेरिएंट बीएफ-7 से चीन समेत कई देशों में मरीज बढ़ने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि चिंता नहीं करें पर सतर्क रहें। उधर, प्रदेश में गुरुवार को 127 सैंपलों की जांच में कोई संक्रमित नहीं मिला है।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पूरी तैयारी रखें। आक्सीजन प्लांटों की माकड्रिल कराएं। दवाओं की पर्याप्त व्यवस्था रखें। जिन्होंने सतर्कता डोज नहीं लगवाई वह लगवा लें। उधर विशेषज्ञों का कहना है कि ज्यादा से ज्यादा जांच, जीनोम सीक्वेंसिंग, टीकाकरण और सावधानी ही कोरोना से बचाएगी।

उनका यह भी कहना है कि भारत में मरीज बढ़ने के बाद भी बीमारी गंभीर नहीं होगी। गांधी मेडिकल कालेज भोपाल के छाती व श्वांस रोग विभाग के प्रमुख डा. लोकेन्द्र दवे ने कहा कि चीन में कोहराम मचा रहे ओमिक्रोन के सब वेरिएंट बीएफ-7 को लेकर बिल्कुल भी घबराने की जरूरत नहीं है। प्रदेश में 95 प्रतिशत से ज्यादा लोगों को कोरोनारोधी टीके की दोनों डोज लगी हैं। तीसरी लहर में बड़ी संख्या में लोगों के संक्रमित होने की वजह से प्राकृतिकतौर पर बीमारी के प्रति प्रतिरोधक क्षमता है।

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