इस वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी मध्य प्रदेश कांग्रेस सामाजिक समीकरण साधने के लिए राज्य और जिला स्तर पर सम्मेलन करेगी। ये कार्यक्रम अप्रैल से शुरू होंगे।

इसमें पार्टी का जनाधार बढ़ाने के लिए सभी वर्गों के बीच पहुंच बनाने के लिए कार्ययोजना बनाने के साथ ऐसे व्यक्तियों को चिह्नित भी किया जाएगा, जिन्हें चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। इन सम्मेलनों में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ के साथ अन्य प्रदेश पदाधिकारी भी भाग लेंगे।

प्रदेश कांग्रेस ने विधानसभा और उसके बाद होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए विमुक्त घुमक्कड़ जनजाति, केश कला शिल्पी, सफाई कामगार, समाज समन्वय और राज्य स्तरीय सिंधी कल्याण प्रकोष्ठ व समिति का गठन किया है। बंजारा, रजक, कोली व कोरी समाज के प्रकोष्ठ भी बनाए गए हैं।

प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष जेपी धनोपिया ने बताया कि सभी वर्गों को पार्टी में महत्व देने और उन्हें एक मंच प्रदान करने के लिए पहली बार प्रकोष्ठ गठित किए गए हैं। पिछड़ा वर्ग विभाग ने प्रदेशव्यापी यात्रा प्रारंभ की है, जो सभी विधानसभा क्षेत्रों में पहुंचेगी।

वहीं, अनुसूचित जनजाति विभाग ने भी जिला स्तर पर सामाजिक सम्मेलन की शुरुआत कर दी है। अनुसूचित जाति विभाग ने जिला इकाइयों का गठन करके मतदान केंद्र स्तर पर कांग्रेस के जनाधार को बढ़ाने के लिए बैठकों का क्रम प्रारंभ किया है। इसी कड़ी में अब पार्टी की पहुंच अन्य समाज के बीच बढ़ाने के लिए राज्य और जिला स्तर पर विभिन्न समाजों से जुड़े सम्मेलन आयोजित किए जाने की तैयारी की गई है।

अरुण यादव भी करेंगे विभिन्न सामाजिक संगठनों से बात

उधर, कमल नाथ ने पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव को ओबीसी से जुड़े विभिन्न सामाजिक संगठनों से बात करने का दायित्व सौंपा है। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस उन व्यक्तियों से भी संपर्क कर रही है, जो पिछड़ा वर्ग को संगठित करने का काम कर रहे हैं। अप्रैल में पिछड़ा वर्ग का एक बड़ा आंदोलन भी भोपाल में प्रस्तावित है।

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