इंदौर / कोरोना संक्रमण के एक बार फिर सिर उठाने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। हालांकि, यह बात सही है कि इस बार संक्रमण की गंभीरता अत्यंत कम होगी। इसकी वजह है कि जिले में लगभग शत प्रतिशत लोग कोरोना के दोनों टीके लगवा चुके हैं। चिंता की बात यह है कि अब भी 25 लाख से ज्यादा लोग हैं, जिन्होंने अब तक सतर्कता डोज नहीं लगवाई है।

विशेषज्ञों का कहना है कि जिन लोगों को कोरोना के सभी टीके लग चुके हैं, ऐसा नहीं कि उन्हें संक्रमण नहीं होगा। ये लोग संक्रमित तो हो सकते हैं, लेकिन टीके की वजह से शरीर में बनी एंटीबाडी वायरस से खुद ही लड़कर उसे समाप्त कर देगी। ऐसे में संक्रमण गंभीर नहीं होगा। इन लोगों को हल्के लक्षण हो सकते हैं।

शुक्रवार को एक दिन में मिले थे छह मरीज

जिले में लंबे समय से कोरोना का कोई उपचाररत मरीज नहीं था, लेकिन वर्तमान में यह संख्या आठ हो गई है। शुक्रवार को तो एक ही दिन में कोरोना के छह मरीज इंदौर में मिले थे। डाक्टर भी मान रहे हैं कि इस समय यह मान लेना कि कोरोना संक्रमण पूरी तरह से समाप्त हो गया है, सही नहीं है।

शुक्रवार को एक दिन में मिले थे छह मरीज

जिले में लंबे समय से कोरोना का कोई उपचाररत मरीज नहीं था, लेकिन वर्तमान में यह संख्या आठ हो गई है। शुक्रवार को तो एक ही दिन में कोरोना के छह मरीज इंदौर में मिले थे। डाक्टर भी मान रहे हैं कि इस समय यह मान लेना कि कोरोना संक्रमण पूरी तरह से समाप्त हो गया है, सही नहीं है।

श्वसन तंत्र विशेषज्ञ डा.सलिल भार्गव का कहना है कि कोरोना संक्रमण भले ही कम हो गया है, लेकिन यह खत्म नहीं हुआ है। हमें सतर्कता बरतनी होगी। भीड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें। सार्वजनिक स्थानों पर मास्क का अनिवार्य रूप से इस्तेमाल करें।

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