बड़वानी / प्रदेश विधान सभा के चुनाव नजदीक है। वर्ष 2018 में अक्टूबर माह में आचार सहिता लग चुकी थी 2 नवम्बर से नामांकन की प्रक्रिया शुरु होकर 28 नवम्बर को मतदान तथा 11 दिसम्बर को वोटो की गिनती हो चुकी थी। इस हिसाब से लगभग 4 माह का समय शेष रह गया है। जनचर्चा है कि इस बार बड़वानी विधान सभा सीट पर किसका परचम लहराने वाला है ? ज्ञात हो कि 1993,1998, 2003 एवं 2008 में लगातार भाजपा के श्री प्रेमसिंह पटेल ने जीत दर्ज की, 2013 में कांग्रेस के श्री रमेश पटेल 10527 वोट से जीते। 2018 के चुनाव में भाजपा के श्री प्रेमसिंह पटेल शानदार 38787 मतो से फिर चुनाव जीते। कहा जा रहा है कि 5 बार की जीत से श्री प्रमसिंह पटेल की विधान सभा बड़वानी सीट पर अच्छी खासी पकड़ मजबूत है। यही वजह हो सकती है कि फिलहाल श्री पटेल की तुलना में भाजपा के पास कोई दूसरा मजबूत विकल्प नही है ? जनचर्चा है कि इस बार कांग्रेस में उम्मीदवारों की लाईन लगी पड़ी है जो नाम सुखियों में उनमें हाल ही में भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आये पूर्व सांसद श्री मकनसिंह सोंलकी, पूर्व विधायक श्री रमेश पटेल, श्री नायसा पटेल, पूर्व नपाध्यक्ष श्री लक्ष्मण चौहान एवं पूर्व नपाध्यक्ष श्री राजन मंडलोई का नाम चर्चाओं में है। हांलाकि हाल ही में अपने पाटी दौरे पर आये श्री कमलनाथ जी ने सर्वे व संगठन की बात की है अब यह देखना होगा कि सर्वे में कौन उम्मीदवार का नाम सबसे उपर है जो इस बार कांग्रेस का प्रत्याशी होगा ? दोनो ही दलों के अलावा इस बार आम आदमी पार्टी, बसपा, जयस सहित निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में होंगे जो अपनी-अपनी भरपूर ताकद जीत के लिए लगाने में पिछे नहीं रहेगे। कहा जा रहा है कि यदि इस बार कांग्रेस से यदि कोई बागी मैदान में नहीं उतरा तो भाजपा को कांग्रेस कांटे की टक्कर दे सकती है ? खैर जो भी हो इस बार राजनैतिक दल तो जीत के लिए पूरी जोर आजमाईश करेंगे ही लेकिन कहा जा रहा है कि मतदाता भी इस बार महंगाई, बेरोजगारी, पलायन, तथा क्षेत्र के विकास को लेकर अपने हिसाब से अपने मताधिकार का उपयोग करेगा। सबसे अधिक त्रस्त तो मध्यम वर्गीय परिवार है जिनको अपने परिवार के भरण-पोषण, स्वास्थ्य और बच्चों को अच्छी शिक्षा के लिए जतन करने पड़ रहे है क्योंकि अधिकतर मध्यम वर्गीय परिवार शासन की योजनाओं के लाभ से वंचित नजर आ रहे है ।
