बड़वानी / जिले में अभी भी घर पर प्रसव कराने जा रहे है, जो जच्चा – बच्चा के लिये अत्यन्त खतरनाक है। घर पर एक भी प्रसव न हो, इसके्र लिये महिला एवं बाल विकास तथा स्वास्थ्य विभाग के मैदानी अमले को अपनी उपस्थिति क्षेत्र में सत्त बनाये रखना होगी, वही गर्भवती महिलाओं के साथ – साथ उनके घर वालो की भी काॅउसलिंग करना होगी । जिससे परिवार वाले समय रहते अपनी गर्भवती महिलाओं को संस्था में लाकर उसका सुरक्षित प्रसव करा सके । अगर अब क्षेत्र में कही पर भी घर पर प्रसव होगा, तो हमारे शासकीय एवं सामाजिक दायित्व के निर्वहन पर एक प्रश्न चिन्ह होगा । इसलिये इन दोनो विभागो का मैदानी अमला और पदाधिकारी मुस्तेदी से अपने कर्तव्य का निर्वहन करें ।

कलेक्टर श्री अमित तोमर ने बुधवार को सेंधवा के लायंस कम्प्युनिटी हाल में आयोजित बैठक के दौरान उक्त निर्देश महिला एवं बाल विकास विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग के मैदानी अमले से कही । इस दौरान उन्होने क्षेत्र में शत – प्रतिशत संस्थागत प्रसव कराने हेतु किये जा रहे कार्यो की भी विस्तार से समीक्षा की । इस समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने जहाॅ अच्छा कार्य करने वाले कर्मियो को प्रोत्साहित किया वही उन कर्मियो को चेतावनी भी दी, जिनके क्षेत्र में वांच्छित परिणाम प्राप्त नही हो रहे है।
बैठक के दौरान कलेक्टर ने कर्मियो को बताया कि सर्वे अनुसार जो महिलाऐं गर्भवती पाई जाती है उनका काउसलिंग सत्त किया जाये । साथ ही गर्भवस्था के दौरान होने वाली समस्त जाॅच व टीकाकरण समय पर लग जाये, यह भी सुनिश्चित किया जाये । इस काउसलिंग के दौरान गर्भवती महिलाओं के परिवार के वरीष्ठजनो को भी संस्थागत प्रसव से होने वाले लाभ के बारे में विस्तार से बताया जाये, जिससे शत-प्रतिशत प्रसव संस्थागत हो ।
बैठक के दौरान कलेक्टर ने ग्रामवार होने वाले गर्भवती महिलाअें के पंजीयन, प्रथम त्रेमास में पंजीयन, उच्च जोखिम वाली गर्भवती माताओं की जानकारी, संस्थागत प्रसव, कुपोषित बच्चो की जानकारी, फरवरी एवं मार्च में होने वाले प्रसव की जानकारी आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं एएनएम से प्राप्त की । साथ ही इन तीनों को उनके प्रभार के क्षेत्र में उक्त महिनों में होने वाले प्रसव के लिये नामजद भी किया । अब अगर नामजद गर्भवती महिलाओं का प्रसव घर पर होना पाया जायेगा तो संबंधित कर्मियों को दोषी मानते हुये उन पर कार्यवाही की जायेगी ।
बैठक के दौरान अनुपस्थित रहने वाले कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काटने के भी निर्देश कलेक्टर द्वारा संबंधित विभागो के पदाधिकारियों को दिये गये ।
बैठक के दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. अनीता सिंगारे, महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी सुनील सोलंकी ने भी मैदानी अमले को विस्तार से कार्ययोजना के बारे में बताकर उनके प्रश्नों, जिज्ञासाओं का समाधान भी किया । बैठक में उक्त अधिकारियों के साथ – साथ महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग के खण्ड चिकित्सा अधिकारी तथा सुपरवाईजर भी उपस्थित थे ।
