विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, प्रदेश का सियासी तापमान बढ़ता जा रहा है। शह और मात के इस खेल के खिलाड़ियों ने अपने प्रतिद्वंद्वियों की घेराबंदी तेज कर दी है। 66 विधानसभा सीटों वाले मालवा-निमाड़ अंचल में कांग्रेस प्रदेश सरकार के दस मंत्रियों की घेराबंदी के लिए उनके विधानसभा क्षेत्रों में एक के बाद एक बड़े आयोजन, सम्मेलन और सभाएं आयोजित कर रही है। उद्देश्य एक ही है मंत्रियों को अपने गढ़ में ही उलझाए रखना ताकि वे अपने प्रभार वाले जिलों सहित आसपास के क्षेत्र में सक्रिय रहने के बजाय अपने क्षेत्र में ही उलझकर रह जाएं। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक कहे जाने वाले मंत्रियों की सबसे तगड़ी घेराबंदी की जा रही है। दरअसल, 2020 में इन्हीं की वजह से सत्ता गंवाने का दर्द कांग्रेसी अब तक नहीं भूले हैं।

निमाड़ में विकास की कसौटी पर मंत्रियों की घेराबंदी

कभी कांग्रेस का गढ़ रहे निमाड़ क्षेत्र को दोबारा हासिल करने के लिए पार्टी यहां पूरा जोर लगा रही है। खंडवा के हरसूद से आने वाले वन मंत्री विजय शाह के तीन दशक के कार्यकाल में कौन-कौन से काम नहीं हो पाए, इसका उल्लेख पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कमल नाथ हर सभा-सम्मेलन में कर रहे हैं। इसी तरह बड़वानी में मंत्री प्रेम सिंह पटेल के विधानसभा क्षेत्र में सड़क, बिजली और मोबाइल नेटवर्क की समस्या दूर नहीं होने के मुद्दे पर कांग्रेस नेता आदिवासी मतदाताओं तक पहुंच रहे हैं। यहां भी कांतिलाल भूरिया सहित अन्य वरिष्ठ आदिवासी नेता सक्रिय हैं।

मालवाः मंत्रियों के घोषणा पत्र और अधूरे वादों की सूची बांट रहे कांग्रेसी

मालवा क्षेत्र के मंत्रियों पर भी कांग्रेस पदाधिकारी योजनाबद्ध तरीके से ‘हमले’ कर रहे हैं। मंदसौर-नीमच क्षेत्र से मंत्री जगदीश देवड़ा की टीम के सदस्यों पर गड़बड़ी के आरोप लेकर कांग्रेस पदाधिकारी लोगों तक पहुंच रहे हैं। यहां भी कमल नाथ और उनकी टीम मैदान संभाल चुकी है। उधर मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा पर क्षेत्र के लोगों से संपर्क नहीं रखने और निष्क्रियता के आरोप लगाते हुए कांग्रेस क्षेत्र में सम्मेलन कर रही है।

उज्जैन से मंत्री मोहन यादव पर अपनी निजी जमीन को मेला क्षेत्र से मुक्त कराने संबधी आरोप लगाते हुए घेराबंदी की जा रही है। कमल नाथ, पूर्व मंत्री सज्जनसिंह वर्मा यहां लगातार सक्रिय हैं। उधर शुजालपुर क्षेत्र में मंत्री इंदर सिंह परमार के क्षेत्र से ज्यादा भोपाल में सक्रिय रहने और अपने क्षेत्र को समय नहीं देने की बात उनके विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस पहुंचा रही है। इंदौर जिले के महू क्षेत्र में मंत्री उषा ठाकुर के खिलाफ कांग्रेसी उनके बयानों और विकास नहीं करने जैसे मुद्दे को लेकर मैदान में है।

सिलावट, डंग और राजवर्धन के क्षेत्रों में बड़े आयोजन

राज्य में मालवा-निमाड़ क्षेत्र से दस मंत्री हैं। इनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी कहे जाने वाले मंत्री सांवेर से तुलसी सिलावट, बदनावर से राजवर्धन सिंह दत्तीगांव और सुवासरा से हरदीप सिंह डंग के क्षेत्रों में कांग्रेस के बड़े पदाधिकारी सक्रिय हैं। सांवेर क्षेत्र में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और उनके विधायक पुत्र जयवर्धन सिंह के साथ ही प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी आयोजन कर रहे हैं। कभी प्रदर्शन तो कभी कथाओं के बहाने कांग्रेस नेता यहां सक्रिय हैं। इसी तरह राजवर्धन सिंह के विधानसभा क्षेत्र बदनावर और हरदीप सिंह डंग के सुवासरा क्षेत्र में पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के कई कार्यकर्ता सम्मेलन और सभाएं हो चुकी हैं।

भाजपा सरकार में मालवानिमाड़ क्षेत्र से जितने मंत्री है, उनके कार्यों को हम जनता के बीच ले जा रहे हैं। इन्होंने कुछ नहीं किया। नए उद्योग लगे गांवों में काम हुए। हमने एकएक मंत्री का पूरा कच्चाचिट्ठा तैयार कर लिया है।”

संतोष गौतम, उपाध्यक्ष, मध्य प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग

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