बड़वानी / आदिवासी कर्मचारी के चुनावी माहौल में भेदभावपूर्ण आकस्मिक ट्रांसफर और डूब क्षेत्र के प्रभावित आदिवासियों और कर्ज में डूबे किसानों अतिवृष्टि से नुकसान के लिए मुआवजे की मांग को लेकर जयस के नेतृत्व में आदिवासी द्वारा मुख्यालय स्थित कारंजा पर विरोध प्रदर्शन किया गया। आरोप में कहा कि फसल नुकसान का सर्वेक्षण करवाकर उचित मुआवजे की मांग की गई , आदिवासी कर्मचारियों के आकस्मिक ट्रांसफर, नियम विरुद्ध जिले से बाहर स्थानांतरण होने से मानसिकता प्रताड़ना कर्मचारी झेल रहे है। सरकार की रीति-नीति के खिलाफ एक तरफा नेताओ के दबाव में कार्यवाही की जा रही है। किसानों ने सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाकर चुनावी समर में सीधी चेतावनी दी है, जल्द मांग न पूरी होने पर प्रदेश स्तर के घोषणा है।

प्रदर्शन में मुख्य रूप से पहुंचे जयस के राष्ट्रीय अध्यक्ष इंजी लोकेश मुजाल्दा ने मध्यप्रदेश सरकार को आड़े हाथ लेते हुए आदिवासियों का अपमान, उपेक्षा और तिरस्कार का आरोप लगाते हुए कहा आदिवासी कर्मचारियों का ट्रांसफर राजनैतिक महत्वाकांक्षा से प्रेरित बताया, डूब प्रभावित क्षेत्र में लाखों आदिवासी बेघर होकर पलायन हो चुके जिसकी कोई जानकारी तक नही है, कर्ज में डूबे किसानों की सफल बर्बाद होने से आत्महत्या करने पर मजबूर है। आदिवासियों पर अत्याचार और शोषण बन्द होने चाहिए, भारत समेत मध्यप्रदेश में पहला अधिकार आदिवासियों का है उन्हें मान सम्मान मिलना चाहिए।

सुमेर सिंह बड़ोले ओर राष्ट्रीय नारी शक्ति प्रभारी सीमा वास्कले ने कहा वर्तमान में आदिवासियों के साथ चुनावी समय मे भेदभाव की राजनीति की जा रही है, आदिवासी कर्मचारी का आकस्मिक ट्रांसफर विभाग की सामान्य रीति नीति के खिलाफ है। किसानों को मुआवजा मिले तथा डूब क्षेत्र के लोगो के साथ न्याय होना चाहिए। संचालन सुमेर सिंह बड़ोले ने किया,आभार व्यक्त जयस जिलाध्यक्ष संदीप सोलंकी ने किया। जयस राष्ट्रीय अध्यक्ष इंजी. लोकेश मुजाल्दा, राजेश कनोजे, पोरलाल खरते, जयस खरगोन प्रवक्ता मायाराम अवाया, इंदौर जयस अध्यक्ष पवन डावर  आदि ने भी संबोधित किया। इस दौरान जयस जिला उपाध्यक्ष महेश भाबर, अजय कनोजे, प्रकाश बंदोड़, गजानंद मुजाल्दे, संजय सोलंकी, मनोज मुजाल्दे, निकेश सोलंकी आदि सेकड़ो कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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