बड़वनी / इस बार का विधान सभा चुनाव पूर्व के चुनावो से कुछ अलग ही देखने को मिल रहा है, जनचर्चा है कि कांग्रेस पार्टी हो या भाजपा इनमें संगठनों की भूमिका लगभग ठन..ठन..गौपाल जैसी नजर आ रही है या यॅू भी कह सकते है कि इन राजनैतिक दलो के संगठन पदाधिकारी भर चुनावी माहौल में कुंभकरणीय की नींद में सोये हुये है, जबकि मतदान के अब केवल 8 दिन शेष बचे हुये है। कहा जा रहा है कि स्वंय प्रत्याशी ही काम,दाम,दण्ड, भेद का उपयोग करते हुये अपनी जीत को लेकर भरसक प्रयास मंे जुटें हुए है। जनचर्चा है कि कांग्रेस ने जिलाध्यक्ष श्री दरबार और भाजपा के श्री सोनी केवल औपचारिकता निभा रहे है…? फिल्ड में भी इनकी उपस्थिति लगभग नगण्य देखी जा सकती है। इसलिए यह कहना इस समय बहुत मुश्किल है कि आखिर पड़ला किसका भारी है ? इसलिए भी कि जो भी मेहनत कर रहे है प्रत्याशी स्व्ंाय अपनी दम पर करते नजर आ रहे है। जनचर्चा तो यह भी है कि बड़वानी जिले में दो सांसद भी है लेकिन उनकी जिले की विधान सभाओ में अपनी पार्टी प्रत्याशियों के लिए पूर जोर कोशिशे एक दिव्य स्वप्न सा नजर आ रही है। खैर जो भी होगा आने वाला समय परिणाम सामने लाऐगा और उस वक्त हर एक व्यक्ति हार-जीत के कारण अपनी उॅॅगलियो पर चुटकी में गिनाता नजर आयेगा।
