बड़वानी(रेवा की पुकार) इस बार के विधान सभा को लेकर अनेक प्रकार की चर्चाऐ है, कहा जा रहा है कि भाजपा के पास केवल लाड़ली बहनाओं की लोक-लुभावन मुद्दे है विकास कार्य, मंहगाई, और रोजगार की बातो से कोसे दूर नजर आ रही है भाजपा। चर्चा है कि ऐसा ना हो कि यह कहावत चरितार्थ हो जाये कि ‘‘भरोसे की भैंस गई पानी में…? कांग्रेस की पिछली बार भी सरकार बनी थी भाजपा ने विधायको को प्रलोभन देकर अपनी सरकार बना ली। कहा जा रहा है कि प्रदेश के सीएम भावनात्मक भाषण देकर लोगो के दिलो को छू लेते है बाकि कुछ होना जाना तो होता नही है। चुनाव पूर्व भाजपा सरकार ने चाहे जितनी मांगे मान ली लेकिन इस चुनाव में पुरानी पेंशन बहाली मुद्दा विशेषकर असर दिखाऐगा। जिले की विधान सभा सीटो की तो चर्चा होती रहेगी.. अभी तो बड़वानी विधान सभा सीट की बात करते है। जनचर्चा है कि इस विधान सभा सीट के जांबाज विधायक श्री प्रेमसिंह जी पटेल के ही अपनें प्रयास देखने को मिल रहे है भाजपा के जमीनी कार्यकर्ता फूरसत के क्षणों मे अपना टाईम पास कर रहे है भाजपा के कुछ जिम्मेदार यह मानते है कि मोंदीजी के आने से बहुत फर्क पड़ेगा….कहा जा रहा है कि हवा बाजी ज्यादा है…? सड़क पर दो-तीन आटो को घूमाने से कौन सा फर्क पड़ता है आम जनता और हर नागरिक बहुत समझदार हो गया है। कहा जा रहा है कि संगठन और जिले के दिग्गज एक तरफ और ? श्री प्रेमसिंह जी का अपना व्यवहार एक तरफ, लेकिन इस बार कांग्रेस भी कमजोर नही है अंदरुनी जो भी हो लेकिन विकास के मुद्दो को लेकर जनता के बीच लगातार सम्पर्क बनाये हुए हेै…इस बार ऐसा भी नही है कि कांग्रेस का कोई बागी चुनाव मैदान मे है यनिकि फिर समझ जाइये कि बड़वानी विधान सभा सीट के परिणाम क्या हो सकते है ? चर्चा है कि इस बार भाजपा संगठन से अपनी ही नही धूल रही है… चुपचाप होंकर अज्ञातवासी हो गया है ? और जिले की कमान सांसदो ने अपने हाथो मे ले ली ह,ै जिनका तालमेल जिला मुख्यालय सहित जिले के भाजपा के पदाधिकारियो से कम ही बैठ रहा है। जनचर्चा है कि मोदी जी की सभा से भी आम जनता पर इसलिए फर्क नही पड़ेगा कि उस सभा में अलिराजपुर से एक विधान सभा, कुक्षी और मनावर विधान सभा सहित जिले की चारो विधान सभा के कार्यकर्ताओ की भीड़ रहेगी…दिपावली त्यौहार है कौन सी आम जनता अपना त्योहरी सीजन बिगाड कर 5-10 किलोमीटर पैदल चलकर भाषण सुनने जायेगी ? खैर अभी तो मतदान के 6 दिन शेष बचे है राजनैतिक दल अहंम भूलकर जमीन पर उतर आये तो जिले की विधान सभा सीटो पर अपना कब्जा जमा सकते है नही तो इस बार केवल प्रत्याशी ही अपने दम पर सीट निकाल सकते है … ना मोदी जी का जादू चलेगा और ना लाड़लियों पर लगाये दाव …? जिले के समझदार नागरिको मे यह भी चर्चा है कि जिले के दो सांसद औा एक केबिनेट मंत्री होने के बाद भी ना रेल आई और न मेडिकल कालेज…इंजिनियर कालेज की सुविधा मिल पाई…और उपर बड़वानी शहरवासी आघी-अधूरी गढ्डो भरी सड़को से अलग परेशान है।
