बड़वानी / दुर्गम क्षेत्र पाटी विकासखंड के 10 ग्रामीण क्षेत्रों  के विद्यालयों में 666 स्कूली बच्चों की सिकलसेल, एनीमिया जांच की गई।  जांच शिविर 4 जुलाई से प्रारंभ होकर 16 जुलाई तक चला ।  जिसमें क्रमवार ग्राम चिकलकुआ,बेड़दा,झामर, रानीपुरा, गारा,भैसारी,पोखल्या,भानिजकुंड, मोरानी ,रामगढ़ के प्राथमिक ,माध्यमिक विद्यालयो में कुल 666 बच्चों की जांच हुई, उसमे से 75 बच्चे पॉजिटिव पाए गए।उन बच्चों को चिन्हित कर जांच उपरांत संस्था द्वारा उपचार हेतु परामर्श दिया गया। संस्था के कर्मचारी रावत सर ने बताया की शिविरो के माध्यम से संस्था का उद्देश्य  सिकलसेल रोग की पहचान कर उसका उपचार करना है।“सिकलसेल एनीमिया जिसको निमाड क्षेत्र मैं (वाई) के नाम से जाना जाता है ।

यह जनजाति समाज मैं पाए जाने वाला एक रोग है जिसको “सिकलसेल” के नाम से जाना जाता है,यह रोग ज़्यादातर पश्चिम मध्यप्रदेश के अलिराजपुर,झाबुआ,बड़वानी, खरगोन,खंडवा,बुरहानपुर,एवं पश्चिम मध्यप्रदेश की सीमा से लगे महाराष्ट्र,गुजरात एवं छत्तीसगढ़ के जनजातियों मैं यह रोग पाया जाता है,यह रोग आनुवंशिक होता है,जनजातीय क्षेत्र मैं इस रोग मैं क्या-क्या सावधानी रखना है ,इलाज के लिए कहाँ ले जाना है इस बारे मैं जागरूकता नहीं होने से कई बच्चों की मृत्यु तक हो जाती है।  इसके लिए सुशीला देवी उमरावसिंह पटेल सेवा संस्थान खरगोन बड़वानी  सतत कार्यरत है।

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