बडवानी /  गुजरात और महाराष्ट्र की सीमा से लगा हुवा है बडवानी जिला जिसमे गुजरात की तर्ज पर होते है आकर्षक गरबा नृत्य। पूरे निमाड़ अंचल में बड़वानी के गरबे प्रसिद्ध है। यहां पर गुजरात के अलावा निमाड़ी,राजस्थानी,पंजाबी,मराठी गरबे भी विभिन्न पंडालों में प्रस्तुत किए जाते हैं। परंपरागत गरबों का अभ्यास प्रतिदिन मंडल के बालक बालिकाएं कर रहे हैं।

 

शहर के प्रमुख गरबा मंडलों में सबसे प्राचीन गरबा महोत्सव स्वर संगम गरबा मंडल रणजीत चौक बड़वानी है जो अपना 41 वे वर्ष के कार्यक्रम की तैयारी कर रहा है। स्वर संगम की स्थापना 1984 में हुई थी।

इसके अलावा प्रमुख गरबा ग्रुप

न्यू श्रीराम, मां गरबा रास, रास रंग, मां वैष्णो देवी गरबा, द्वारा भी गरबों की सुंदर प्रस्तुति दी जाती हे। नगर में ओपन गरबा का भी प्रचलन है,जिसमे युवा शक्ति गरबा, रास रंग गरबा, एवम एन जी एम म्यूजिक ग्रुप द्वारा ओपन गरबों का आयोजन आम नागरिक महिला ,पुरुषो हेतु किया गया है।

स्वर संगम गरबा महोत्सव के निदेशक अनिल जोशी ने बताया की गुजरात के बाद  संपूर्ण निमाड़ छेत्र में केवल बड़वानी में ही लाइव गरबों का कार्यक्रम होता है जिसमे गायन,वादन,नृत्य करने वाले 100 कलाकार एक माह तक रिहर्सल करने के उपरांत ही मंच पर अपनी प्रस्तुतियां देते हैं।

बडवानी में आसपास के तीन जिलों खरगोन,धार,बडवानी एवम अलीराजपुर तक के दर्शक हजारों की संख्या में गरबे देखने हेतु आते है। पुलिस प्रशासन द्वारा भी सभी गरबा मंडलों के तथा मंदिर प्रमुखों की बैठक  ली गई। जिसमे एसडीओपी दिनेश सिंह चौहान, थाना प्रभारी दिनेश सिंह कुशवाह,तहसीलदार जगदीश वर्मा ,यातायात प्रभारी विनोद सिंह बघेल ने  सभी पंडालों में होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी ली,एवम सुरक्षा तथा यातायात के संबंध में आवश्यक निर्देश भी दिए,।

 

 

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