बड़वानी /आज चैत्र शुक्ल त्रयोदशी को जैन धर्म के अंतिम 24 वे तीर्थंकर भगवान महावीर का बिहार के कुंडल पुर के राजा सिद्धार्थ और माता त्रिशला के घर आज से 2546 वर्ष पूर्व हुआ था, उस अवसर पर आज पूरे देश मे उनका 2547 वा जन्म कल्याणक महामहोत्सव पूरे देश के जैन अनुयायियों ने अपने घरों में घण्टा नाद व वाद्य यंत्र और पात्र , तालिया और जैन धर्म ध्वजा ले कर ठीक 8 बजे से 8 बज कर 5 मिनट तक जयकारा करके पूरे क्षेत्र को धर्ममय कर दिया। हर वर्ष भगवान की शोभा यात्रा भव्य धूम धाम से निकाली जाती है किंतु इस वर्ष पूरे देश मे कोरोना वायरस की महामारी के चलते पूरे देश भर के मंदिरों को बंद कर दिया गया है, साथ ही सभी आचार्यो, गुरुजनों के आदेशानुसार सभी देश वासियों ने देश हित मे देश के प्रधानमंत्री के आदेश का और गुरु जनों का आदेश मानते हुए भव्य जलसे न करते हुए भव्य और नए रचनात्मक रूप से महावीर जयंती मनाई गई, इंदौर में विराजमान आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज और देश भर मेविराजमान सभी आचार्य,मुनि, आर्यिका,एवम सन्तो ने कहा कि इस माह में भगवान मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम जी, भगवान महावीर की जस्यन्ति, और दो दिन बाद हनुमान जी की जन्म जयंती है साथ ही आज ही गुरु गोविंद सिंह जी का भी प्रकाश पूरब है और जब भी इस वसुंधरा पर महापुरुषों का जन्म हुआ तब तब इस वसुंधरा पर फैली महामारी दूर हुईहै और प्रजा में खुशी और उल्लास का माहौल बना है, अब निश्चित ही पूरे विश्व से इस महामारी से विजय पा ली जाएगी ,दोपहर को दीन दयाल भोजनालय में युवा संघ द्वारा भोजन और प्रसादी का भी वितरण किया जाएगा, रात्रि में सभी समाज जन अपने अपने घरों की छत पर शाम 6 बजे आरती करेंगे ।
