गत सप्‍ताह 59 चाइनीज ऐप बैन करने के बाद आज सरकार ने 40 वेबसाइट्स को ब्‍लॉक करने की कार्यवाही की है। ये वेबसाइट्स गैरकानूनी संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) से जुड़ी हैं। गृह मंत्रालय ने रविवार को इन वेबसाइटों को सरकार ने ब्लॉक कर दिया है। अमेरिका स्थित सिख फॉर जस्टिस खालिस्तान समर्थक समूह है। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि सिख फॉर जस्टिस ने अपने मकसद के लिए एक अभियान शुरू किया था। इसके तहत वह अपने समर्थकों का रजिस्ट्रेशन कर रहा था। गृह मंत्रालय की सिफारिश पर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इसकी 40 वेबसाइटों को ब्लॉक कर दिया है। यह कार्रवाई आइटी अधिनियम, 2000 की धारा 69-ए के तहत की गई है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत में साइबर स्पेस की निगरानी के लिए नोडल प्राधिकरण है। पिछले साल गृह मंत्रालय ने एसएफजे पर उसकी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए प्रतिबंध लगा दिया था। एसएफजे ने अपने अलगाववादी एजेंडे के हिस्से के रूप में सिख रेफरेंडम 2020 को आगे बढ़ाया। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि यह खुले तौर पर खालिस्तान का समर्थन करता है।

1 जुलाई को ही आतंकवादी घोषित किया था

एक जुलाई को गृह मंत्रालय ने अलगाववादी खालिस्तानी संगठनों से जुड़े नौ लोगों को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के प्रावधानों के तहत नामित आतंकवादी घोषित किया था। गृह मंत्रालय ने कहा था कि ये नौ व्यक्ति पाकिस्तान और अन्य विदेशी धरती से काम करते हैं और आतंकवाद के विभिन्न कृत्यों में शामिल हैं। इनमें बब्बर खालसा इंटरनेशनल का प्रमुख वाधवा सिंह बब्बर, इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन का प्रमुख लखबीर सिंह, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स का प्रमुख रणजीत सिंह और खालिस्तान कमांडो फोर्स का नेतृत्व करने वाला परमजीत सिंह शामिल था। ये चारों पाकिस्तान में रहते हैं।

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