पाटी से हमारे संवाददाता श्रीकांत त्रिपाठी की रिपोर्ट   

पाटी / बिजली समस्या को लेकर छात्रावास के छात्रों ने बीती  देर रात  थाने का  घेराव किया ।  देर रात उत्कृष्ट छात्रावास के विद्यार्थी   बिजली बन्द होने  की समस्याओं को लेकर थाना परिसर पहुँचे।  छात्रों का कहना है कि बिजली विभाग ने  रात्रि  8 बजे होस्टल का बिजली कनेक्शन काट दिया। छात्रों ने बताया कि पूर्व में भी ऐसी स्थिति बनी थी ।  15 दिन तक बिजली विभाग ने होस्टल का बिजली कनेक्शन काट दिया था। जिसको लेकर छात्रावास के अधीक्षक उमरावसिंह नरगावे ने बिजली की वैकल्पिक  व्यवस्था की थी तथा  बिजली विभाग से अनुरोध कर बिजली कनेक्शन जुड़वाया था। शासन से मांग कर बिजली का बकाया बिल भरने को कहा था लेकिन  शिक्षा विभाग ने बकाया राशि का भुगतान नहीं किया, जिसके चलते बिजली विभाग ने आज देर रात छात्रावास पहुँचकर बिजली कनेक्शन काट दिया। छात्र रैली के माध्यम से थाना परिसर पहुँचे जहां पर थाना प्रभारी संतोष सांवले ने कनिष्ठ यंत्री नेगी से फ़ोन से संपर्क कर बिजली चालू करवाई। भाजपा मंडल अध्यक्ष श्रीकांत त्रिपाठी भी छात्रों के बीच पहुँचे, जहां पर छात्रों की समस्या को लेकर वरिष्ठों से बात कर छात्रों को आश्वस्त किया।  छात्रों का कहना है कि अर्दवार्षिक परीक्षा को देखते हुए पढ़ाई प्रभावित होती है।

शिक्षा विभाग का कहना है कि आवंटन नही होने से बिल का भुगतान नही किया। बिजली विभाग ने बताया कि छात्रावास का 50 हजार रुपए का बिज़ली बिल  बकाया है।  शासन के निर्देशानुसार हमे छात्रावास का बिजली कनेक्शन काटना पड़ा। शिक्षा विभाग की लापरवाही का खामियाजा  बच्चों  को  भुगतना पड़ रहा है । उधर शासन शिक्षा का स्तर बढ़ाने की बात कहता है जबकि एक तरफ शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण छात्रावास को बच्चों को अंधेरे रहकर पढ़ाई करना पड़ रहा है, वही रात अंधेरे में बच्चों को बाहर जाने में बडी परेशानी का सामना करना पड़ता है। अगर अंधेरे में कोई बड़ी घटना  घटित  हो गई तो उसके लिए कौन जिम्मेदार होगा?  बिजली कनेक्शन काटने के कारण छात्रावास में पीने का पानी की भी समस्या पैदा  हो जाती हैं । खाना खाकर पानी पीने के लिए हैंडपंप पर जाना पड़ता है। छात्रों की समस्या को लेकर आदिवासी छात्र संगठन भी छात्रों के साथ थाना परिसर पहुँचे, आदिवासी छात्र संगठन ब्लॉक अध्यक्ष विकाश जमरे ने बताया कि सरकार छात्रों को छात्रावास में इसलिए एडमिशन देती हैं कि ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे छात्रावास में निवासरत होकर ग्रामीण क्षेत्र की असुविधा से बच सके.। ग्रामीण क्षेत्र में बिजली, पानी, सड़क, आवागमन जैसी मूल सुविधा के लिए अभाव से शिक्षा ग्रहण नही कर पाते। जिससे आदिवासी समाज के बच्चे उच्च स्तरीय शिक्षा से वंचित रह जाते।  छात्रवास के छात्र थाना प्रभारी के आश्वासन के बाद थाना परिसर से धरना प्रदर्शन समाप्त कर वापस छात्रावास पहुँचे।

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