बड़वानी / शहीद भीमा नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय बड़वानी में प्राचार्य डॉ आरएन शुक्ला के निर्देशन में हिंदी दिवस के अवसर पर आज प्रातः 11:00 बजे राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों के द्वारा हिंदी को भारत की राष्ट्रभाषा के रूप में अंगीकार करने के उपलक्ष पर परिचर्चा का आयोजन किया गया जिसमें हिंदी के प्राध्यापक डॉ एस बघेल ने हिंदी के इतिहास 1918 से जब गांधी जी ने हिंदी साहित्य सम्मेलन में हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में स्वीकार करने   पर जोर दिया एवं इसे जनमानस की भाषा कहां  उन्होंने हिंदी के इतिहास पर प्रकाश डाला

राष्ट्रीय सेवा योजना के जिला संगठक डॉ आर एस मुझाल्दा ने हिंदी को राजभाषा के साथ ही अन्य भाषाओं की तरह उपयोग व उन्होंने कहा कि हमारा मूल उद्देश्य हिंदी भाषा के विकास की भावना को बढ़ाना एवं लोगों में हिंदी भाषा के प्रति जागरूक  होना चाहिए

कार्यक्रम अधिकारी रासेयो डॉ बलराम बघेल ने नई शिक्षा नीति पर जोर देते हुए  कहा कि  जिस प्रकार हिंदी राष्ट्रभाषा है उसी प्रकार से हमें क्षेत्रीय बोलियों  को शिक्षा के क्षेत्र में उनका उपयोग करना चाहिए जिससे शिक्षा का प्रचार-प्रसार हो सके एवं  उसे समझने में आसानी हो सके। कार्यक्रम में स्वयंसेवक दीवान भुगवाड़े ने हिंदी दिवस के उपलक्ष पर कविता का शीर्षक “हिंदी बिन औचित्य  नहीं” लिखी,जो कि उनकी मूल कविता है जिसमें उन्होंने हिंदी की ऐतिहासिकता एवं आदर्श पूर्ण उपयोगिता पर प्रकाश डाला।कार्यक्रम का संचालन भवनीत सिंह ने किया एवं आभार कार्यक्रम अधिकारी प्रोफ़ेसर कीर्ति पटेल ने माना। उक्त परिचर्चा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक प्रवीण चौहान सचिन अंतिम मण्डलोई दीपक कन्नौज दीप चन्द्र  मुजाल्दे दीपक चौहान एवं महाविद्यालय में उपस्थित अन्य विद्यार्थी मौजूद रहे।

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