बड़वानी/ सेंधवा निवासी अरविंद माहेश्वरी जो कि बचपन से ही मोटे नम्बर का चश्मा(High Myopia) लगाते थे। श्री माहेश्वरी ने अलग-अलग बड़ें शहरों में पहले इसके उपचार के लिए दिखाया लेकिन नंबर ज्यादा होने तथा आॅख और किसी आॅपरेशन के लिए फिट ना होने के कारण उन्हें हर जबह से निराशा ही हाथ लगी। श्री माहेश्वरी ने बड़वानी के ख्यातनाम हास्पिटल सरस्वती नेत्र चिकित्सालय से सम्पर्क किया। निराश हो चुके अरविंद माहेश्वरी को फेकिक लैंस(Phakic ILO) की सहायता से सरस्वती नेत्र चिकित्सालय की टीम ने न केवल चश्मा से छुटकारा दिला दिया बल्कि बिल्कुल साफ नजर का दिपावली तोहफा भी मिला। अब अरविंद माहेश्वरी बिना चश्मा के साफ नजर से नई जिन्दगी की शुरुआत करने जा रहे है। इस सम्बन्ध में श्री माहेश्वरी का कहना पड़ता है कि पहले में सुबह उठते से सोते वक्त तक चश्मा लगा-लगा कर बहुत परेशान था। बारिश में तो मुश्किल और बढ़ जाती थी। अब बिना चश्मा के तरिके से जीने लगा हुॅ…बहुत-बहुत धन्यवाद सरस्वती आई हास्पिटल की टीम को।
