नई दिल्ली। हैदरााबाद में महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या करने वालों को एनकाउंटर में मार दिए जाने के बाद जहां अब भी देश में लगो खुशी मना रहे हैं वहीं कुछ लोग हैं जो इसका विरोध भी कर रहे हैं। इसी के तहत अब उन पुलिसकर्मियों पर FIR दर्ज करने की मांग उठी है जो इस एनकाउंटर में शामिल थे। सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर यह मांग की गई है कि उन पुलिसवालों पर केस दर्ज किया जाए जिन्होंने इस एनकाउंटर को अंजाम दिया है।
जानकारी के अनुसार, एडवोकेट डीएस मणी और प्रदीप कुमार द्वारा दायर इस याचिका में यह मांग की गई है कि उन पुलिसवालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो जिन्होंने इस एनकाउंटर को अंजाम दिया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि एनकाउंटर करते हुए सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2014 में जारी की गई गाइड लाइन्स का पालन भी नहीं किया गया।
वहीं दूसरी तरफ एक एक्टिविस्ट संध्या रानी ने तेलंगाना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को खत लिखा है और मुठभेड़ पर सवाल उठाए हैं। संध्या रानी ने अपने खत में लिखा है कि हैदराबाद में महिला डॉक्टर संग हुआ घटना बेहद विभत्स थी और हम भी असली आरोपियों के खिलाफ कड़ी सजा की मांग करते हैं लेकिन यह जज करना बड़ी जल्दी होगी कि जो मारे गए वो असली आरोपी थे, हम पुलिस पर भरोसा कैसे करें?
पहुंची मानवाधिकार आयोग की टीम
इस बीच आज राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम तेलंगाना पहुंच चुकी है। टीम पहले तो उस जगह गई जहां पर शुक्रवार सुबह यह एनकाउंटर हुआ था और इसके बाद महबूबनगर के उस अस्पताल में पहुंची जहां शव रखे गए हैं।
Hyderabad Encounter पर हाईकोर्ट सख्त, शवों के अंतिम सस्कार पर अगले चार दिन तक लगाई रोक

हैदराबाद। महिला पशु चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और हत्या के आरोपियों का हैदराबाद पुलिस ने एनकाउंटर कर पीड़िता को इंसाफ दिला दिया। इस एनकाउंटर पर जहां हैदराबाद पुलिस की देशभर में तारीफ हो रही है वहीं कुछ लोग इस पर सवाल भी उठा रहे हैं। इस बीच पूरे मामले में हैदराबाद हाईकोर्ट ने बड़ा आदेश जारी किया है। कोर्ट ने कहा है कि दुष्कर्म और हत्या के पीड़ितों के शवों का अभी अंतिम संस्कार ना किया जाए और उन्हें प्रीजर्व किया जाए। मामले में अगली सुनवाई 9 दिसंबर, यानी सोमवार को होगी।
बता दें कि शुक्रवार को पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि सुबह दुष्कर्म और हत्या के सीन की रीक्रीएट करने के लिए टीम सभी आरोपियों को मौका-ए-वारदात पर लेकर गई थी लेकिन वहां आरोपियों ने पुलिसवालों पर हमला कर उनके हथियार छीन लिए थे। इसके बाद टीम ने उन्हें हथियार डालने को कहा लेकिन जब वो भागने की कोशिश करने लगे तो एनकाउंटर में मारे गए।
मामले में पुलिस ने सफाई दे दी है लेकिन हाईकोर्ट ने मामले में तत्काल सुनवाई की है और आदेश दिए हैं कि शवों को सोमवार तक प्रीजर्व किया जाए और उनके पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी करवाई जाए। यह रिकॉर्डिंग शाम तक रजिस्ट्रार के पास जमा करवानी होगी।
आदेश में महबूबनगर के प्रिंसिपल जिला जज ने कहा है कि इसे रिसीव करने के बाद उसे तेलंगाना हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को आज शाम तक सौंपने के लिए कहा है। इसके बाद मामले में सुनवाई सोमवार को होगी।
मालूम हो कि 27 नवंबर की रात महिला डॉक्टर का अपहरण कर दुष्कर्म और हत्या करने वाले चारों आरोपियों को हैदराबाद पुलिस ने शुक्रवार सुबह हुए एनकाउंटर में उसी जगह ढेर कर दिया था जहां उन्होंने घिनोंनी वारदात को अंजाम दिया गया था। सभी आरोपी मौके से भागने की फिराक में थे और तब यह एनकाउंटर हुआ। जैसे ही यह खबर सामने आई पूरे देश में लोगों ने जश्न मनाना शुरू कर दिया था।
