कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी खारिज करते हुए INX मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग केस में 13 नवंबर तक ज्युडिशियल कस्टडी में भेज दिया। चिदंबरम की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि उनका स्वास्थ्य बिगड़ रहा है, जिसे देखकर जमानत दी जाए।

दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस सी. हरिशंकर की पीठ के समक्ष कपिल सिब्बल ने याचिका दायर की थी।

चिदंबरम ने हैदराबाद के एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी (एआईजी) में अपने डॉक्टर से जांच करने के लिए छह दिनों के लिए अंतरिम राहत मांगी थी। याचिका में कहा गया था कि चिदंबरम को पेट की बीमारी है, जिसका 2017 से इलाज चल रहा है। पिछले दिनों इसी बीमारी के कारण उन्हें तेज दर्द हुआ था। जमानत अर्जी के अनुसार, 7 अक्टूबर को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में उनकी जांच की गई और उन्हें एंटीबायोटिक और दर्द निवारक दवा दी गई। इसके बाद, 22 अक्टूबर को फिर इसी समस्या का सामना करना पड़ा। एम्स के डॉक्टरों का इलाज कारगर साबित नहीं हो रहा है, इसलिए उन्हें एआईजी में अपने डॉक्टर से परामर्श करने की अनुमति दी जाए।

आवेदन में आगे कहा गया है कि बीमारी के कारण उनका वजन 73.5 किलोग्राम से घटकर 66 किलोग्राम रह गया है। केस की अगली सुनवाई 4 नवंबर को  है।

इससे पहले 74 वर्षीय चिदंबरम को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत अवधि समाप्त होने के बाद बुधवार को एक ट्रायल कोर्ट के समक्ष पेश किया गया था। उन्हें 21 अगस्त को आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।

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