भोपाल पिछले तीन-चार दिन से चली आ रही ऊहापोह की स्थिति को दूर करते हुए शिवराज सरकार ने शनिवार से शराब दुकानें बंद करने का निर्णय कर लिया। कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए पूरे प्रदेश में लॉकडाउन के बावजूद शराब दुकानें खुली हुई थीं। यहां लोगों की भीड़ भी जमा हो रही थी, जिससे संक्रमण का खतरा था। मध्य प्रदेश में ढाई हजार से ज्यादा देसी-विदेशी शराब दुकानें हैं। इनके ठेके 31 मार्च को समाप्त हो रहे हैं। यह निर्णय शुक्रवार को लिया गया। सूत्रों के मुताबिक, वाणिज्यिक कर विभाग 31 मार्च को समाप्त हो रहे ठेकों के मद्देनजर शराब दुकानों को बंद करने के पक्ष में नहीं था। यही वजह है कि इस मामले को लगातार टाला जा रहा था।

गुरुवार को ही विभाग ने पहले नई आबकारी नीति के तहत 2020-21 के लिए दुकानों के ठेके देने की प्रक्रिया को स्थगित करने के निर्देश दिए थे और एक घंटे बाद ही इसे निरस्त कर दिया। जबकि, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहले से ही शराब दुकानों की संख्या घटाने के पक्षधर रहे हैं। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने भी उन्हें ट्वीट कर कहा कि मध्य प्रदेश में कोरोना के बावजूद शराब दुकानें खुली हैं। कृपया हमारे प्रदेश की तरह वहां में भी दुकानें बंद करवा दें। चौहान ने इसका जवाब देते हुए कहा कि सभी शराब दुकानों को बंद करने के आदेश पहले ही जारी हो चुके हैं। प्रशासन इस आदेश का उल्लंघन करने वालों से सख्ती से निपटेगा।

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